TRAI Digital Radio: TRAI ने प्राइवेट रेडियो Broadcasters के लिए डिजिटल रेडियो की नई रूपरेखा पेश की है। इस योजना के तहत देश के 13 शहरों में डिजिटल रेडियो सेवाएं शुरू होंगी, जिनमें 4 बड़े मेट्रो और 9 अन्य बड़े शहर शामिल हैं। यह प्रस्ताव पिछले साल चर्चा में था जब सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने TRAI से इस पर नीति तैयार करने को कहा था।
TRAI ने पेश की डिजिटल रेडियो नीति, 13 शहरों में नई सेवाएं शुरू होंगी, बेहतर साउंड क्वालिटी और ज्यादा चैनल उपलब्ध होंगे।
डिजिटल रेडियो रोलआउट की रूपरेखा
TRAI की मुख्य सिफारिश है कि सेवाएं सिमल्कास्ट मोड में शुरू हों। इसका मतलब है कि एक ही स्पॉट फ्रीक्वेंसी पर एक एनालॉग चैनल, तीन डिजिटल चैनल और डेटा सेवा चल सकती है। TRAI ने कहा है कि भारत में डिजिटल रेडियो के लिए केवल एक तकनीकी मानक अपनाना चाहिए ताकि तकनीकी विभाजन न हो।
पहला चरण दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में लागू होगा। साथ ही बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, जयपुर, लखनऊ, कानपुर और नागपुर में भी इसे लागू किया जाएगा। इन शहरों में नई डिजिटल फ्रीक्वेंसी के लिए सरकार नीलामी आयोजित करेगी।
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नीति की मुख्य बातें
- मौजूदा FM Broadcasters को डिजिटल सिमल्कास्ट मोड में जाने का विकल्प मिलेगा और नीलामी के 6 महीने के अंदर निर्णय लेना होगा।
- माइग्रेट करने वाले Broadcasters को डिजिटल स्पेक्ट्रम की नीलामी कीमत और पहले से चुकाई गई एक-बार प्रवेश शुल्क के बीच का अंतर देना होगा।
- हर Broadcaster कई चैनल चला सकता है, लेकिन किसी एक को एक शहर में 40% से अधिक फ्रीक्वेंसी नियंत्रित नहीं करनी चाहिए।
- ऑथराइजेशन की अवधि 15 साल होगी।
- अधिकतर शहरों में वार्षिक शुल्क Adjusted Gross Revenue का 4% होगा, जबकि बॉर्डर और हिल क्षेत्रों में पहले तीन साल के लिए यह 2% होगा।
स्पेक्ट्रम के आरक्षित मूल्य
TRAI ने स्पेक्ट्रम के लिए आरक्षित मूल्य तय किए हैं।
- दिल्ली: 177.63 करोड़
- मुंबई: 194.08 करोड़
- चेन्नई: 146.68 करोड़
- छोटे A-कैटेगरी शहरों में दरें कम होंगी। इनमें जयपुर 26.89 करोड़ और कानपुर 20.52 करोड़।
डिवाइस और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयारी
TRAI ने सरकार को सुझाव दिया है कि डिजिटल रेडियो रिसीवर मोबाइल फोन और कार इंफोटेनमेंट सिस्टम में उपलब्ध कराए जाएं। साथ ही, एक नई श्रेणी बनाई जाए, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स Broadcasters को ट्रांसमिशन सुविधाएं लीज पर दे सकें। प्रसार भारती को भी अपनी टावर सुविधाएं किफायती किराए पर उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है।
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क्यों है यह बदलाव जरूरी
डिजिटल रेडियो एक ही फ्रीक्वेंसी पर अधिक चैनल उपलब्ध कराने, बेहतर साउंड क्वालिटी देने और लाइव डेटा फीड जैसी नई सेवाएं प्रदान करने में सक्षम होगा। TRAI का मानना है कि यह बदलाव रेडियो Broadcasters के लिए नए अवसर और श्रोताओं के लिए अधिक विकल्प लेकर आएगा।