मेटा ने एप्पल के AI एग्जीक्यूटिव फ्रैंक चू को हायर कर अपनी टीम और AI क्षमताओं को मजबूत किया है। यह कदम मेटा की आक्रामक भर्ती रणनीति और तकनीकी प्रतिस्पर्धा को दर्शाता है।
Meta’s Bold Move: टेक की दुनिया में इस समय हलचल है। मेटा ने एप्पल के प्रमुख AI एग्जीक्यूटिव फ्रैंक चू को अपनी टीम में शामिल कर लिया है। यह कदम इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि मेटा ने हाल ही में अपनी आक्रामक भर्ती प्रक्रिया को धीमा करने की घोषणा की थी।
फ्रैंक चू के एप्पल छोड़ने का मतलब है कि केवल सात हफ्तों में एप्पल से मेटा के लिए यह छठा बड़ा टैलेंट ड्रॉप रहा। इस कदम ने एप्पल और मेटा के बीच AI के क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा को और तेज कर दिया है।
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आक्रामक भर्ती और टैलेंट की होड़
मेटा की रणनीति में अब सीधे प्रतिष्ठित एग्जीक्यूटिव्स को लुभाना शामिल है। कंपनी कभी-कभी उन्हें उनके पुराने पैकेज से कई गुना अधिक वेतन देती है। इससे स्पष्ट होता है कि मेटा का लक्ष्य सिर्फ भर्ती करना नहीं बल्कि AI उद्योग में अपना दबदबा बनाना है।
फ्रैंक चू अब मेटा की MSL इन्फ्रा टीम का हिस्सा बनेंगे, जो सुपरइंटेलिजेंस लैब्स का हिस्सा है। उन्होंने पहले एप्पल में LLM सिस्टम और Siri फीचर्स के विकास में अहम भूमिका निभाई थी।
टैलेंट हंट अवसर या चुनौती
जुलाई से मेटा ने एप्पल, गूगल, ओपनएआई और एंथ्रोपिक के कई वरिष्ठ एग्जीक्यूटिव्स को हायर किया है। इस रणनीति से कंपनी को AI में तेजी से प्रगति करने का लाभ मिल सकता है लेकिन दूसरी ओर विचारों की विविधता पर असर भी पड़ सकता है।
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एप्पल से आए नए एग्जीक्यूटिव्स को मेटा की कामकाजी संस्कृति में ढालना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। यदि ये महंगे हायरिंग्स अपेक्षित परिणाम नहीं देती हैं, तो मेटा को निवेशकों और बोर्ड में आलोचना का सामना करना पड़ सकता है।
अंत में मेटा की यह आक्रामक भर्ती रणनीति भविष्य में AI में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है या कंपनी को भारी जोखिम में डाल सकती है।