Starlink India: इंटरनेट की दुनिया में भारत में जल्द ही नई क्रांति आने वाली है। एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink पूरे देश में अपने फुल-स्केल लॉन्च की तैयारी कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी भारत में 9 गेटवे अर्थ स्टेशन स्थापित करने की योजना बना रही है। इसमें मुंबई, नोएडा, चंडीगढ़, हैदराबाद, कोलकाता और लखनऊ जैसे प्रमुख शहर शामिल हैं। इस विस्तार का उद्देश्य उन दूरदराज क्षेत्रों तक हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाना है, जहां अभी मोबाइल नेटवर्क कवरेज नहीं है।
Starlink का भारत में फुल स्केल जल्द होगा लॉन्च, 600 Gbps क्षमता के साथ दूरदराज इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध होगा।
600 Gbps क्षमता और ट्रायल शुरू
Starlink ने अपने groundwork की शुरुआत कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी ने भारत में अपने Gen 1 सैटेलाइट कंसटलेशन के माध्यम से 600 गीगाबिट प्रति सेकंड क्षमता के लिए आवेदन किया है। Department of Telecommunications (DoT) ने फिलहाल Starlink को प्रोविजनल स्पेक्ट्रम दिया है ताकि सुरक्षा मानकों की जांच के लिए डेमो किया जा सके। इस अनुमति के तहत कंपनी केवल 100 यूज़र टर्मिनल्स आयात कर सकती है और फिक्स्ड सैटेलाइट सर्विस के लिए डेमो आयोजित कर सकती है।
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सख्त सुरक्षा नियम और डेटा स्टोरिंग
भारतीय सरकार ने तकनीक के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ शर्तें लगाई हैं।
- ऑपरेटर क्लियरेंस: सुरक्षा मंजूरी मिलने तक केवल भारतीय नागरिक ही स्टेशन चला सकते हैं।
- डेटा सुरक्षा: ट्रायल फेज में Starlink सार्वजनिक सेवाएं नहीं देगा और इस दौरान उत्पन्न डेटा भारत में सुरक्षित रूप से स्टोर करना होगा।
- रिपोर्टिंग: हर 15 दिन में DoT और सुरक्षा एजेंसियों को रिपोर्ट देनी होगी, जिसमें स्टेशन का स्थान, तैनात टर्मिनल और यूज़र की लोकेशन शामिल होगी।
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पिछली सुरक्षा चिंताओं का असर
मार्च में भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने अनधिकृत Starlink टर्मिनल्स के उपयोग पर चेतावनी दी थी। मणिपुर और अंडमान-निकोबार में ऐसे उपकरण जब्त किए गए थे। इसके बाद MHA ने DoT से पूरी जांच करने को कहा और वर्तमान में डेटा लोकलाइजेशन और नियमित निगरानी जैसी सख्त शर्तें लागू की गई हैं।
