ElevenLabs ने लॉन्च किया Scribe V2, जानें इसके फायदे

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ElevenLabs ने लॉन्च किया Scribe V2, जानें इसके फायदे
November 12, 2025

ElevenLabs Launch : अमेरिका की वॉइस और ऑडियो टेक कंपनी ElevenLabs ने अपना नया और सबसे एडवांस्ड Speech-to-Text मॉडल Scribe v2 Realtime पेश किया है। यह मॉडल बहुत तेजी से बोले गए शब्दों को टेक्स्ट में बदल देता है। कंपनी का कहना है कि यह मॉडल 93.5% सटीकता के साथ सिर्फ 150 मिलीसेकंड में ट्रांसक्रिप्शन करता है।

Scribe v2 Realtime मॉडल से अब बोले गए शब्द तुरंत टेक्स्ट में बदलेंगे, ElevenLabs ने भारत के लिए खास डेटा सुरक्षा विकल्प और 90 से ज्यादा भाषाओं का सपोर्ट दिया है।

भारत की 11 भाषाएं शामिल

Scribe v2 Realtime 90 से ज्यादा भाषाओं में काम करता है, जिनमें भारत की हिंदी, तमिल, बंगाली और तेलुगू समेत 11 भाषाएं जैसी प्रमुख लैंग्वेज शामिल हैं। यह मॉडल रियल टाइम में ट्रांसक्रिप्शन करता है जिससे डेवलपर्स और कंपनियां कस्टमर सपोर्ट, मीडिया, मेडिकल और एजुकेशन जैसे क्षेत्रों में इसका इस्तेमाल कर सकती हैं।

रियल टाइम कम्युनिकेशन के नए मानक

Scribe v2 Realtime में Negative Latency Prediction, Text Conditioning और Manual Commit Control जैसी एडवांस तकनीकें दी गई हैं। ये फीचर्स मॉडल को और अधिक सटीक और तेज बनाते हैं। इसका उपयोग लाइव ट्रांसक्रिप्शन, कैप्शनिंग, कंप्लायंस मॉनिटरिंग और मेडिकल डिक्टेशन जैसे कामों में किया जा सकता है।

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भारत के लिए खास डेटा सुरक्षा सुविधा

ElevenLabs ने भारत के लिए India Data Residency Option भी जोड़ा है, जिससे कंपनियां अपने डेटा को देश के अंदर ही सुरक्षित रख सकती हैं और स्थानीय डेटा नियमों का पालन कर सकती हैं। इसके अलावा, ElevenLabs Agents के साथ इसका इंटीग्रेशन डेवलपर्स को AI चैट और वॉइस बेस्ड ऐप्स बनाने में मदद करेगा।

खास फीचर्स और उपयोग

इस मॉडल में Voice Activity Detection (VAD), Smart Speaker Diarisation, Custom Vocabulary और Zero Retention Mode जैसी खूबियां हैं, जो संवेदनशील डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं।

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डेवलपर्स के लिए इसका नया ElevenLabs API जारी किया गया है जिसकी जानकारी और डिप्लॉयमेंट ऑप्शन elevenlabs.io/docs/capabilities/speech-to-text  पर उपलब्ध हैं।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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Prompt-Injection

Prompt Injection कैसे बन सकता है यूजर्स के लिए खतरा?

Openai AI Browser Security: AI टेक्नोलॉजी तेजी से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनती जा रही है। अब ऐसे AI एजेंट्स आ चुके हैं जो इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं, लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, स्क्रॉल कर सकते हैं और यूजर की तरफ से काम भी कर सकते हैं। OpenAI का नया सिस्टम ChatGPT Atlas Agent Mode भी ऐसा ही एक ब्राउजर बेस्ड AI है, जो डिजिटल असिस्टेंट की तरह काम करता है, लेकिन इस स्मार्ट तकनीक के पीछे एक गंभीर सुरक्षा चिंता भी छुपी है, जिसे OpenAI ने खुद खुलकर स्वीकार किया है।  AI ब्राउजर एजेंट्स इंटरनेट चलाने में मदद तो करते हैं, लेकिन OpenAI ने खुद इनके सिक्योरिटी जोखिम को लेकर चेतावनी दी है, जानिए Prompt Injection क्या है और यह यूजर्स के लिए क्यों खतरनाक हो सकता है।  सुरक्षित नहीं हैं AI ब्राउजर  OpenAI का कहना है कि चाहे AI कितना भी स्मार्ट क्यों न हो, ऐसे ब्राउजर एजेंट्स को पूरी तरह सुरक्षित बनाना बेहद मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह Prompt Injection Attack है। कंपनी इसे एक लॉन्ग टर्म AI सिक्योरिटी चैलेंज मानती है और यह भी मानती है कि साइबर हमलावर पहले से ही इन AI सिस्टम्स को गुमराह करने के तरीके खोज रहे हैं।  Prompt Injection क्या होता है?  Prompt Injection एक ऐसा तरीका है जिसमें किसी वेबसाइट, ईमेल, PDF, डॉक्युमेंट या कैलेंडर इनवाइट के अंदर छुपे हुए निर्देश डाले जाते हैं। AI इन छुपे मैसेज को असली कमांड समझ लेता है और यूजर के आदेशों को नजरअंदाज करके हमलावर की बात मान लेता है।  इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है?  OpenAI के मुताबिक, अगर ऐसा हमला सफल हो जाए तो AI एजेंट प्राइवेट ईमेल आगे भेज सकता है, बिना अनुमति पैसे ट्रांसफर कर सकता है, पर्सनल फाइल्स लीक कर सकता है, गलत या अफवाह वाले मैसेज लिख सकता है और ऑफिस के टूल्स का गलत इस्तेमाल कर सकता है जैसे काम कर सकता है।  READ MORE: भारत में ही क्यों Free मिल रहा OpenAI, Google और Perplexity?  इस खतरे से खुद कैसे लड़ रहा है OpenAI?  OpenAI सिर्फ खतरे नहीं बता रहा है। दरअसल, कंपनी ने खुद एक AI रेड टीम अटैकर सिस्टम बनाया है। यह सिस्टम हैकर की तरह सोचता है और बार–बार AI ब्राउजर पर हमला करने की कोशिश करता है। यह अटैकर AI

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