YouTube Trump Settlement: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और YouTube के बीच चार साल से चल रहा कानूनी विवाद आखिरकार समाप्त हो गया है। YouTube ने ट्रंप और अन्य वादियों के साथ समझौता करते हुए 24.5 मिलियन डॉलर का भुगतान करने पर सहमति जताई है। यह मामला 2021 को अमेरिकी कैपिटल हिल पर हुई हिंसा के बाद शुरू हुआ था जब YouTube ने ट्रंप का अकाउंट सस्पेंड कर दिया था।
ट्रंप का YouTube अकाउंट बैन होने के बाद चला लंबा विवाद अब खत्म हो गया। 24.5 मिलियन डॉलर के समझौते से दोनों पक्षों ने केस सुलझाया।
अकाउंट सस्पेंशन का कारण
2021 की घटना के बाद YouTube ने कहा था कि ट्रंप का वीडियो उसकी नीतियों के खिलाफ है और यह हिंसा भड़काने वाला कंटेंट था। इसी आधार पर उनका चैनल बंद कर दिया गया। ट्रंप ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया और कोर्ट में चुनौती दी थी। लगभग चार साल तक दोनों पक्ष कानूनी लड़ाई में उलझे रहे और अब मामला समझौते से निपटा।
समझौते की रकम कहां जाएगी?
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, समझौते की कुल रकम में से 22 मिलियन डॉलर ‘ट्रस्ट फॉर द नेशनल मॉल’ को दिए जाएंगे। यह रकम व्हाइट हाउस स्टेट बॉलरूम प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल होगी। बाकि 2.5 मिलियन डॉलर दूसरे वादियों को बांटे जाएंगे, जिनमें लेखिका नाओमी वुल्फ और अमेरिकन कंजर्वेटिव यूनियन शामिल हैं।
क्या YouTube ने गलती मानी?
इस डील को लेकर स्पष्ट किया गया है कि यह किसी भी तरह की गलती या जिम्मेदारी स्वीकार करने जैसा कदम नहीं है। दस्तावेजों में लिखा है कि यह समझौता केवल केस खत्म करने के लिए है, न कि Google या YouTube की ओर से अपनी गलती मानने का सबूत।
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अन्य कंपनियों के साथ समझौते
- YouTube से पहले कई बड़ी टेक कंपनियां ट्रंप से समझौता कर चुकी हैं।
- जनवरी में META ने ट्रंप की लाइब्रेरी को 22 मिलियन डॉलर दान करने और 3 मिलियन डॉलर कानूनी फीस देने पर सहमति जताई।
- फरवरी में X ने करीब 10 मिलियन डॉलर में मामला निपटाया।
- ABC News और Paramount जैसे मीडिया हाउस भी वित्तीय समझौते कर चुके हैं।
अकाउंट बहाल होने की कहानी
ट्रंप का YouTube चैनल 2023 में दोबारा बहाल कर दिया गया था। YouTube ने उस समय कहा था कि चुनावी माहौल में मतदाताओं को प्रमुख उम्मीदवारों की बात सुनने का अवसर मिलना चाहिए। वहीं, ट्रंप की कानूनी टीम लगातार यह दलील देती रही थी कि उनका अकाउंट बैन करना फ्री स्पीच के अधिकार का उल्लंघन है।
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बड़ी रकम, लेकिन Google के लिए मामूली
भले ही 24.5 मिलियन डॉलर कागज पर बड़ी राशि लगती है, लेकिन Google की पेरेंट कंपनी Alphabet, जिसकी मार्केट वैल्यू करीब 3 ट्रिलियन डॉलर है, उसके लिए यह रकम बेहद छोटी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रंप के ऑफिस में वापसी के बाद से Alphabet का मार्केट वैल्यू लगभग 600 बिलियन डॉलर बढ़ चुका है।