Google Willow Chip: Google ने तकनीकी दुनिया में एक बड़ा कमाल किया है। कंपनी ने अपने नए Willow Quantum Processor के जरिए दुनिया का पहला verifiable quantum advantage हासिल किया है। यह ऐसा पहला मौका है जब किसी क्वांटम सिस्टम ने ऐसी गति और सटीकता दिखाई है जिसे पारंपरिक सुपरकंप्यूटर दोहरा नहीं सकते। यह सफलता 22 अक्टूबर को जर्नल नेचर में प्रकाशित की गई है।
Google ने क्वांटम कंप्यूटिंग में बड़ा कदम बढ़ाया। Willow चिप और Quantum Echoes एल्गोरिद्म ने पारंपरिक सुपरकंप्यूटरों से 13,000 गुना तेज और सटीक परिणाम दिखाए हैं।
Google के अनुसार, Willow चिप में इस्तेमाल किया गया नया एल्गोरिद्म Quantum Echoes अब तक का सबसे तेज सुपरकंप्यूटर की तुलना में 13,000 गुना तेज काम करता है। खास बात यह है कि इसके परिणामों को अब अन्य क्वांटम सिस्टम द्वारा सत्यापित और दोहराया जा सकता है जो पहले संभव नहीं था।
Quantum Echoes एल्गोरिद्म क्या करता है?
Quantum Echoes एक नया एल्गोरिद्म है जो Out-of-Time-Ordered Correlator (OTOC) नामक क्वांटम प्रक्रिया को मापता है। यह प्रक्रिया वैज्ञानिकों को यह समझने में मदद करती है कि परमाणु स्तर पर कण एक-दूसरे से कैसे इंटरैक्ट करते हैं।
इस तकनीक के माध्यम से वैज्ञानिक अब ऐसे जटिल मॉलिक्यूलर स्ट्रक्चर को मॉडल कर सकते हैं जिन्हें पारंपरिक सुपरकंप्यूटर हल नहीं कर पाते। Google ने बताया कि उनका Willow प्रोसेसर 105 high-fidelity qubits पर काम करता है जो अत्यंत तेज और सटीक डेटा प्रोसेसिंग प्रदान करता है।
Quantum Echoes की मदद से Willow चिप परमाणु नाभिक के स्पिन और चुंबकीय प्रभावों को भी सटीकता से माप सकती है। इससे वैज्ञानिकों को अणुओं की बनावट और उनके व्यवहार की गहराई से समझ मिलती है।
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सुंदर पिचाई ने बताया भविष्य की दिशा
Google के CEO सुंदर पिचाई ने X पर लिखा कि हमारा Willow चिप पहला ऐसा प्रोसेसर है जिसने verifiable quantum advantage हासिल किया है। यह खोज drug discovery और materials science जैसे क्षेत्रों में बड़ा बदलाव ला सकती है।
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क्वांटम टेक्नोलॉजी का अगला अध्याय
Google Quantum AI टीम का मानना है कि अब क्वांटम कंप्यूटिंग सिर्फ सिद्धांत नहीं रही, बल्कि यह वास्तविक उपयोग की दिशा में बढ़ चुकी है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि हार्डवेयर में अभी और सुधार की जरूरत है ताकि यह तकनीक बड़े और जटिल सिस्टम पर भी काम कर सके।