6G की रेस: अमेरिका-चाइना में टक्कर, किसकी होगी टेक्नोलॉजी पर बादशाहत?

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6G race
March 24, 2025

6G तकनीक कब तक विकसित हो सकती है? 6G तकनीक के विकास में कौन आगे है, अमेरिका या चीन? विस्तार से जानिए।

6G Technology: टेक्नोलॉजी लगातार तेजी से आगे बढ़ रही है। 3G, 4G और 5G के बाद अब 6G टेक्नोलॉजी की बारी है। दुनिया के कई देश 6G टेक्नोलॉजी को विकसित करने में जुटे हुए हैं। यह न सिर्फ मोबाइल नेटवर्क को तेज बनाएगी, बल्कि इंटरनेट सर्विसेज को भी नए स्तर पर ले जाएगी। 6G टेक्नोलॉजी का मकसद सिर्फ तेज इंटरनेट स्पीड देना ही नहीं है, बल्कि इसका इस्तेमाल वायरलेस कम्युनिकेशन को बेहतर बनाने के लिए भी किया जाएगा। इसकी मदद से लोग और डिवाइस एक-दूसरे से पहले से कहीं ज्यादा तेजी और बेहतर तरीके से कनेक्ट हो सकेंगे।

कौन-कौन से देश कर रहे हैं तैयारी?

चीन, जापान, अमेरिका और भारत जैसे कई देश 6G टेक्नोलॉजी के विकास में बड़े पैमाने पर काम कर रहे हैं। हालांकि, 5G टेक्नोलॉजी अभी पूरी तरह से हर देश में नहीं पहुंची है, फिर भी 6G पर काम शुरू हो चुका है। 6G टेक्नोलॉजी को लाने से पहले इंटरनेशनल कम्यूनिटी और टेक्नोलॉजी कंपनियां इसके रेगुलेटरी स्टैंडर्ड्स को लेकर चर्चा कर रही हैं।

6G की रेस में आगे चीन

चीन ने 6G टेक्नोलॉजी को लेकर पहले ही अपनी बढ़त बना ली है। अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ ने 2024 में 6G टेक्नोलॉजी के लिए तीन टेक्नोलॉजी स्टैंडर्ड्स को मंजूरी दी, जिसमें चीन ने अहम भूमिका निभाई। इतना ही नहीं, चीन ने अपने नेशनल डेवलेपमेंट गोल्स में भी 6G टेक्नोलॉजी को विकसित करने को प्रमुख लक्ष्य के रूप में शामिल किया है। इस साल की योजनाओं के मुताबिक, चीन 6G टेक्नोलॉजी के विकास में सबसे आगे नजर आ रहा है। इसके तहत देश में रिसर्च और इनोवेशन पर बड़ा निवेश किया जा रहा है, जिससे 6G को जल्द से जल्द आम लोगों तक पहुंचाया जा सके।

यूरोप और अमेरिका पीछे क्यों?

पिछले साल चीनी पत्रिका साइंटिया सिनिका इन्फॉर्मेशनिस में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, 6G को लेकर विभिन्न देशों की राय अलग-अलग है। रिपोर्ट में कहा गया कि यूरोप और अमेरिका के टेलीकम्यूनिकेशन ऑपरेटर्स 6G टेक्नोलॉजी के स्टैंडर्ड्स पर काम शुरू नहीं कर सके हैं क्योंकि वे अभी भी 5G टेक्नोलॉजी में पूरी तरह से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। वहीं, चीन ने 5G टेक्नोलॉजी को सफलतापूर्वक लागू करने के बाद 6G की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा दिए हैं। इसके चलते ग्लोबल 6G रेस में चीन को एक मजबूत दावेदार माना जा रहा है। आने वाले समय में 6G टेक्नोलॉजी दुनिया में कई बड़े बदलाव लाने वाली है, जिसमें हाई-स्पीड इंटरनेट, स्मार्ट सिटीज़ और ऑटोमेटेड इंडस्ट्रीज़ शामिल होंगी। इस रेस में कौन सबसे आगे निकलता है, यह देखने वाली बात होगी।

6G क्या है?

6G तकनीक मोबाइल इंटरनेट की अगली पीढ़ी है, जो 5G से भी तेज और बेहतर होगी। यह पूरी तरह से वायरलेस होगी और डेटा ट्रांसफर की स्पीड को एक नए स्तर पर ले जाएगी। जैसे 5G ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को आगे बढ़ाने में मदद की, वैसे ही 6G इन टेक्नोलॉजीज को और भी उन्नत बनाएगी।

6G के विकास का महत्व

6G के आने से हमारे जीवन के कई क्षेत्रों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। आइए जानते हैं इसके कुछ प्रमुख फायदे

  • चिकित्सा क्षेत्र में क्रांति: 6G की हाई-स्पीड कनेक्टिविटी के जरिए डॉक्टर रियल-टाइम में दूर बैठे मरीजों का इलाज कर सकेंगे। टेलीमेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी जैसी तकनीकें और भी बेहतर हो जाएंगी।
  • शिक्षा और मनोरंजन: 6G के जरिए स्टूडेंट्स को वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (AR) जैसे इंटरएक्टिव लर्निंग एक्सपीरियंस मिलेंगे। इसके अलावा, 4K और 8K वीडियो स्ट्रीमिंग बिना किसी लैग के मुमकिन होगी।
  • व्यापार में तेजी: 6G के जरिए कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को तेजी से डिलीवर कर पाएंगी। ऑटोमेटेड वेयरहाउस और ड्रोन डिलीवरी को भी सपोर्ट मिलेगा।
  • सुपर-फास्ट डाउनलोडिंग: अगर आप कोई 4K मूवी डाउनलोड करना चाहते हैं, तो 6G के साथ ये काम 1 सेकंड से भी कम समय में हो सकता है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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