Google लाया नया अपडेट! पासवर्ड बदलने पर नहीं मिलेगा SMS कोड

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Gmail password
February 25, 2025

देश में Gmail का इस्तेमाल ज्यादातर ऑफिस या कॉरपोरेट जगत में किया जाता है। जब लोग अपना Gmail पासवर्ड भूल जाते हैं, तो वे OTP के जरिए अपना पासवर्ड रीसेट कर लेते हैं।

Google QR Code: देशभर में Gmail का यूज ऑफिस या कॉरपोरेट वर्ल्ड में किया जाता है। ऐसे में कई बार देखा गया है कि लोग अपना Gmail पासवर्ड को भूल जाते हैं और OTP के जरिए नया पासवर्ड बना लेते हैं, लेकिन अब Google ने इसपर एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, Google अब OTP सिस्टम को पूरी तरह से खत्म करने जा रहा है। इसके बदले Google अब QR कोड बेस्ड वेरिफाई सिस्टम लेकर आ रहा है। यह बदलाव सुरक्षा को और मजबूत बनाने के मकसद से किया जा रहा है क्योंकि SMS के जरिए भेजे जाने वाले 6 अंकों के कोड फिशिंग अटैक और सिम-स्वैपिंग जैसी धोखाधड़ी वाली टेक्नॉलोजी से प्रभावित हो सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, यह नया सिस्टम आने वाले महीनों में लागू हो जाएगा।

Gmail ने की पुष्टि                    

Gmail के प्रवक्ता रॉस रिचेंडरफर ने इस नई व्यवस्था की पुष्टि करते हुए कहा है कि अब यूजर्स को उनके फोन नंबर पर कोड नहीं मिलेंगे, बल्कि एक QR कोड दिखाई देगा, जिसे आपको फोन के कैमरा ऐप से स्कैन करना होगा। यह प्रक्रिया न केवल आसान होगी बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी ज्यादा कारगर होगी।

क्यों सेफ नहीं है Google SMS वेरिफिकेशन

Google SMS अभी तक के जरिए कोड भेजकर यूजर्स के अकाउंट को वेरिफाई करता था। हालांकि, इस पूरी प्रक्रिया में कई खामियां मिली है। बता दें कि साइबर अपराधी फिशिंग टेक्नोलॉजी से यूजर्स को धोखा देकर उनके कोड हासिल कर सकते हैं। सिम-स्वैपिंग अटैक के जरिए वह किसी के मोबाइल नंबर को अपने कंट्रोल में ले सकते हैं और उनके Gmail अकाउंट को एक्सेस कर सकते हैं। Google ने पाया कि SMS आधारित वेरिफिकेशन का यूज हैकर्स स्कैम के लिए भी कर रहे हैं। इस स्कैम को ट्रैफिक पंपिंग या टोल फ्रॉड कहते हैं, जिसमें साइबर अपराधी फर्जी नंबरों पर वेरिफिकेशन कोड भेजकर पैसे कमाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए Google ने अब यह नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है।

QR कोड कैसे होगा ज्यादा सेफ

QR कोड टेक्नोलॉजी अपनाने से सुरक्षा में बहुत सुधार होगा। यह सिस्टम सीधे उपयोगकर्ताओं और Google के बीच जुड़ता है, जिससे मैन-इन-द-मिडल धोखाधड़ी से बचा जा सकेगा। यानी कि फिशिंग हमलों और सिम-स्वैपिंग जैसे जोखिम लगभग खत्म हो जाएंगे, क्योंकि किसी भी कोड को शेयर करने की आवश्यकता नहीं होगी, जिसे चुराया जा सकता है।

जल्द लॉन्च होगा

Google ने इस बदलाव को लेकर साफ किया है कि SMS कोड से यूजर्स को सुरक्षा रिस्क होता है और कंपनी अपने सुरक्षा उपायों में लगातार सुधार कर रही है, ताकि यूजर्स को साइबर खतरों से बचाया जा सके। हालांकि, अभी इसके लॉन्चिंग की तारीफ साफ नहीं हो पाई है, लेकिन Google ने संकेत दिया है कि जल्द ही इस पर और अपडेट दिए जाएंगे।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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