अब बीमारी नहीं रोकेगी पढ़ाई, रोबोट रखेगा बच्चे को स्कूल से जोड़े…जानें कैसे?

8 mins read
1 views
robot study
December 27, 2025

AV1 Robot: किसी बच्चे का स्कूल न जा पाना सिर्फ पढ़ाई छूटना ही उनके दोस्तों, हँसी-मजाक और रोज़मर्रा की ज़िंदगी से कट जाना भी होता है। इसी दूरी को पाटने के लिए नॉर्वे की टेक कंपनी No Isolation ने एक ऐसा रोबोट तैयार किया है, जो बच्चे की जगह स्कूल पहुँचता है और उसकी मौजूदगी का अहसास बनाए रखता है। नाम रखा है AV1। तो आइए जानते हैं इस अद्भुत रोबोट खासियत।

जब बच्चा स्कूल नहीं जा पाता, तब AV1 रोबोट उसकी जगह क्लासरूम में मौजूद रहता है। जानिए कैसे बदल रहा है यह पढ़ाई का तरीका।

स्कूल तक पहुँचने का नया तरीका

AV1 नाम का यह रोबोट खासतौर पर उन बच्चों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो गंभीर या लंबी बीमारी के कारण लंबे समय तक स्कूल नहीं जा पाते। यह रोबोट बच्चे को दूर बैठकर क्लासरूम का हिस्सा बनने का मौका देता है। छात्र घर या अस्पताल में रहकर भी अपनी क्लास को लाइव देख सकता है। सुन सकता है और बातचीत में शामिल हो सकता है। इसमें लगे स्पीकर और माइक्रोफोन की मदद से छात्र सवाल पूछ सकता है, दोस्तों से बात कर सकता है और ग्रुप डिस्कशन का हिस्सा बन सकता है। इसके अलावा, रोबोट का सिर 360 डिग्री तक घूम सकता है।

छोटा लेकिन काम बड़ा, दिलाए क्लासरूम का मज़ा

करीब 12 इंच लंबा और महज़ 1.5 किलोग्राम वज़न वाला AV1 इतना हल्का है कि इसे सहजता से डेस्क या बैग में रखा जा सकता है। इसका साधारण और दोस्ताना डिज़ाइन बच्चों और टीचर्स दोनों को सहज महसूस कराता है। यही वजह है कि यह क्लासरूम में किसी गैजेट से ज्यादा एक साथी जैसा लगता है। AV1 एक सुरक्षित मोबाइल ऐप के ज़रिए काम करता है। छात्र इस ऐप के माध्यम से रोबोट से कनेक्ट होते हैं, जहां एन्क्रिप्टेड ऑडियो-वीडियो लाइवस्ट्रीमिंग होती है। इसका मतलब है कि बच्चा क्लास में मौजूद न होकर भी ब्लैकबोर्ड, टीचर और दोस्तों को रियल टाइम में देख और सुन सकता है।

READ MORE- TA का इंटरनेशनल सपना क्यों टूटा? Rockstar ने लगाया ब्रेक

क्लासरूम से बाहर भी साथ

AV1 की खास बात यह है कि यह केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं है। 4G और Wi-Fi कनेक्टिविटी के साथ यह Robot लंच ब्रेक, खेल के मैदान और स्कूल ट्रिप तक में बच्चे की मौजूदगी दर्ज कराता है। मतलब हर एक्टिविटी में दोस्तों के साथ उपस्तिथि दर्ज करवा सकता है। इससे अगर किसी कारणवश बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं तब भी उनका रिश्ता दोस्तों के साथ बना रहता है। और वे खुद को अकेला महसूस नहीं करते।

READ MORE- चीन अमेरिका नहीं इस ने देश बनाया कमाल का Robot, मूवमेंट देख दुनियां भी हैरान!

अकेलेपन से लड़ने की तकनीक

विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO ने हाल ही में अकेलेपन को वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बताया है। स्कूल से लंबी दूरी बच्चों को मानसिक रूप से भी प्रभावित करती है। No Isolation का कहना है कि AV1 का उद्देश्य सिर्फ पढ़ाई कराना नहीं, बल्कि बच्चों को भावनात्मक रूप से स्कूल से जोड़े रखना है, ताकि वे खुद को अलग-थलग न महसूस करें।

18 देशों में 3500 से ज्यादा यूनिट्स सक्रिय

आज AV1 रोबोट 18 देशों में इस्तेमाल हो रहा है और 3,500 से ज्यादा यूनिट्स सक्रिय हैं। कंपनी का दावा है कि यह तकनीक उन छात्रों के लिए उम्मीद की किरण है, जिनकी शिक्षा बीमारी के कारण बीच में रुक जाती है। यही वजह है कि दुनिया भर में अपनाया जा रहा है।

कुल मिलाकर देखें तो यह तकनीक बच्चों के हित में जिम्मेदारी के साथ उठाया गया कदम है। उम्मीद कर सकते हैं कि आनेवाले दिनों यह काफी मददगार साबित हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

2025 में BNB Chain बना सबसे एक्टिव ब्लॉकचेन, Solana को छोड़ा पीछे
Previous Story

2025 में BNB Chain बना सबसे एक्टिव ब्लॉकचेन, Solana को छोड़ा पीछे

Latest from Artificial Intellience

Prompt-Injection

Prompt Injection कैसे बन सकता है यूजर्स के लिए खतरा?

Openai AI Browser Security: AI टेक्नोलॉजी तेजी से हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनती जा रही है। अब ऐसे AI एजेंट्स आ चुके हैं जो इंटरनेट ब्राउज कर सकते हैं, लिंक पर क्लिक कर सकते हैं, स्क्रॉल कर सकते हैं और यूजर की तरफ से काम भी कर सकते हैं। OpenAI का नया सिस्टम ChatGPT Atlas Agent Mode भी ऐसा ही एक ब्राउजर बेस्ड AI है, जो डिजिटल असिस्टेंट की तरह काम करता है, लेकिन इस स्मार्ट तकनीक के पीछे एक गंभीर सुरक्षा चिंता भी छुपी है, जिसे OpenAI ने खुद खुलकर स्वीकार किया है।  AI ब्राउजर एजेंट्स इंटरनेट चलाने में मदद तो करते हैं, लेकिन OpenAI ने खुद इनके सिक्योरिटी जोखिम को लेकर चेतावनी दी है, जानिए Prompt Injection क्या है और यह यूजर्स के लिए क्यों खतरनाक हो सकता है।  सुरक्षित नहीं हैं AI ब्राउजर  OpenAI का कहना है कि चाहे AI कितना भी स्मार्ट क्यों न हो, ऐसे ब्राउजर एजेंट्स को पूरी तरह सुरक्षित बनाना बेहद मुश्किल है। इसकी सबसे बड़ी वजह Prompt Injection Attack है। कंपनी इसे एक लॉन्ग टर्म AI सिक्योरिटी चैलेंज मानती है और यह भी मानती है कि साइबर हमलावर पहले से ही इन AI सिस्टम्स को गुमराह करने के तरीके खोज रहे हैं।  Prompt Injection क्या होता है?  Prompt Injection एक ऐसा तरीका है जिसमें किसी वेबसाइट, ईमेल, PDF, डॉक्युमेंट या कैलेंडर इनवाइट के अंदर छुपे हुए निर्देश डाले जाते हैं। AI इन छुपे मैसेज को असली कमांड समझ लेता है और यूजर के आदेशों को नजरअंदाज करके हमलावर की बात मान लेता है।  इससे कितना बड़ा नुकसान हो सकता है?  OpenAI के मुताबिक, अगर ऐसा हमला सफल हो जाए तो AI एजेंट प्राइवेट ईमेल आगे भेज सकता है, बिना अनुमति पैसे ट्रांसफर कर सकता है, पर्सनल फाइल्स लीक कर सकता है, गलत या अफवाह वाले मैसेज लिख सकता है और ऑफिस के टूल्स का गलत इस्तेमाल कर सकता है जैसे काम कर सकता है।  READ MORE: भारत में ही क्यों Free मिल रहा OpenAI, Google और Perplexity?  इस खतरे से खुद कैसे लड़ रहा है OpenAI?  OpenAI सिर्फ खतरे नहीं बता रहा है। दरअसल, कंपनी ने खुद एक AI रेड टीम अटैकर सिस्टम बनाया है। यह सिस्टम हैकर की तरह सोचता है और बार–बार AI ब्राउजर पर हमला करने की कोशिश करता है। यह अटैकर AI

Don't Miss