Iran Rial Crash: ईरान इस समय गहरे आर्थिक संकट से गुजर रहा है। राजधानी तेहरान में इस हफ्ते बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिले, जिनकी मुख्य वजह देश की Rial का अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंचना है। लगातार बढ़ती महंगाई, लोगों की बचत का खत्म होना और कमजोर आर्थिक नीतियों ने जनता का गुस्सा सड़कों पर ला दिया है।
ईरान में Rial की ऐतिहासिक गिरावट के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। महंगाई, बैंकिंग संकट और Bitcoin जैसे विकल्पों पर बढ़ती चर्चा के बारे में जानें
Rial की ऐतिहासिक गिरावट
रिपोर्ट्स के अनुसार, जून के बाद से ईरानी Rial की खरीदने की ताकत 40% से ज्यादा घट चुकी है। इसी दौरान इजरायल के साथ हुए सीमित लेकिन तीखे सैन्य टकराव ने भी देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ाया। फिलहाल, स्थिति यह है कि 1 अमेरिकी डॉलर करीब 14 लाख Rial के बराबर पहुंच गया है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है।
Economic mismanagement —
The story of the past, present, and future.
Bitcoin is a new way for the people to protect themselves. https://t.co/C8nWz4DPFN
— Hunter Horsley (@HHorsley) December 29, 2025
तुलना करें तो 1980 के दशक की शुरुआत में 1 डॉलर लगभग 70 Rial के बराबर हुआ करता था। यह आंकड़ा बताता है कि दशकों में मुद्रा की हालत कितनी बिगड़ चुकी है। स्थानीय लोग इस गिरावट के लिए सीधे तौर पर केंद्रीय बैंक की गलत नीतियों और आर्थिक कुप्रबंधन को जिम्मेदार मान रहे हैं।
Bitcoin पर क्यों बढ़ी चर्चा
इस आर्थिक तनाव के बीच Bitwise के CEO हंटर हॉर्सले ने X पर Bitcoin को लेकर टिप्पणी की है। उन्होंने कहा है कि दुनिया के कई देशों में लोग गिरती Fiat करेंसी से खुद को बचाने के लिए Bitcoin जैसे विकल्पों की ओर देख रहे हैं। हॉर्सले ने ईरान में Bitcoin अपनाने की खुली अपील नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा है कि सरकारी नियंत्रण से बाहर मौजूद वैल्यू स्टोर के रूप में Bitcoin पर वैश्विक स्तर पर चर्चा बढ़ रही है।
1.42 million rial per dollar
The official rate in the early 1980s was **70 per dollar** https://t.co/Sor7WEQnQ8
— Alex Gladstein 🌋 ⚡ (@gladstein) December 30, 2025
बैंकिंग सिस्टम भी संकट में
ईरान की बैंकिंग व्यवस्था भी गंभीर दबाव में है। खबरों के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के गवर्नर मोहम्मद रजा फरजिन ने बढ़ती आलोचनाओं के बीच इस्तीफा दे दिया है। इससे देश की आर्थिक दिशा को लेकर अनिश्चितता और गहरी हो गई है। इसके अलावा, अक्टूबर में सरकारी बैंक मेली को दिवालिया घोषित किया गया, जिससे करीब 4.2 करोड़ लोगों की जमा पूंजी खतरे में पड़ गई है। केंद्रीय बैंक पहले ही चेतावनी दे चुका है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुए, तो 8 और बैंक बंद या मर्ज किए जा सकते हैं।
Protests erupt in Tehran as the rial hits a record low.
Worth recalling: Iran recently cracked down on unregistered Bitcoin mining, even offering cash rewards for citizens to report their neighbors, just as demand for stores of value soared.
Truly diabolical policy sequencing.… pic.twitter.com/uosLRsKhQf
— matthew sigel, recovering CFA (@matthew_sigel) December 29, 2025
प्रतिबंध और क्रिप्टो की सीमाएं
ईरान पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हालात को और मुश्किल बना रहे हैं। परमाणु कार्यक्रम और क्षेत्रीय गतिविधियों से जुड़े प्रतिबंधों के कारण देश को विदेशी मुद्रा और वैश्विक वित्तीय नेटवर्क तक सीमित पहुंच मिल पा रही है। इससे स्थानीय बैंकों पर लोगों का भरोसा लगातार कमजोर हो रहा है।
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हालांकि, ईरान में क्रिप्टो ट्रेडिंग कानून है, लेकिन इसके नियम पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, खासकर सेल्फ कस्टडी को लेकर। Bitcoin माइनिंग को कानूनी मान्यता जरूर है, लेकिन बिना रजिस्ट्रेशन के माइनिंग पर सरकार सख्ती कर रही है।
VanEck के रिसर्च हेड मैथ्यू सिगेल के अनुसार, सरकार अवैध माइनिंग की शिकायत करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित भी कर रही है, जबकि देश में बिजली सस्ती होने के कारण माइनिंग सैद्धांतिक रूप से काफी सस्ती हो सकती है।
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भरोसे पर असर और वैश्विक बहस
जून में ईरान के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Nobitex पर हुए हैक ने क्रिप्टो सिस्टम पर भरोसे को झटका दिया है। इसके बाद जनवरी से जुलाई के बीच ईरान में क्रिप्टो इनफ्लो 11% तक घट गया। दुनिया के अन्य हिस्सों में भी इसी तरह की बहस चल रही है। Coinbase के CEO ब्रायन आर्मस्ट्रांग का मानना है कि Bitcoin महंगाई और सरकारी खर्च के खिलाफ एक सुरक्षा कवच की तरह काम कर सकता है, यहां तक कि विकसित देशों में भी।
