AI की वजह से चली जाएंगी नौकरिया! जानें किस साल से दिखेगा असर

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December 4, 2025

Anthropic chief scientist warning: एआई विकास की रफ्तार ने दुनिया के कई विशेषज्ञों को नई चिंता में डाल दिया है। उनकी चिंता है कि आनेवाले वर्षों में Artificial Intelligence की वजह से कई लोगों की नौकरियां चली जाएगी। दरअसल, Anthropic के चीफ साइंटिस्ट Jerad Kaplan का विश्लेषण इस बहस के अनुसार आने वाला समय सिर्फ तकनीक के विस्तार का नहीं, बल्कि मानव क्षमताओं और मशीन   इंटेलिजेंस के बीच गहरी टक्कर का होगा। यह चेतावनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दिशा को समझने में बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

AI की तेजी ने बढ़ाई दुनिया की चिंता…इस वैज्ञानिक ने आने वाला दशक इंसानों और मशीनों के बीच असली प्रतिस्पर्धा का होगा। जानें क्यों?

इस तरह के नौकरियों पर अधिक प्रभाव

कपलान का कहना है कि एआई अब सिर्फ टूल नहीं रहा, बल्कि धीरे-धीरे ऐसे सिस्टम का रूप ले रहा है जो इंसानों से आगे निकलने की काबिलियत हासिल कर सकता है। उनके मुताबिक अगले दो से तीन साल में ऐसा समय आ सकता है जब एआई अधिकतर व्हाइट कॉलर नौकरियों को अपने नियंत्रण में ले लेगा। ऑफिस वर्क, डाटा मैनेजमेंट, कोडिंग, रिसर्च, डॉक्यूमेंटेशन और प्लानिंग जैसे काम मशीनों को सौंप दिए जाएंगे। इस बदलाव से सबसे ज्यादा प्रभावित वे सेक्टर होंगे जहां दिमागी मेहनत को प्राथमिकता दी जाती है।

भविष्य में शिक्षा और कौशल में टक्कर

कपलान के दृष्टिकोण ने Tech Industry के भीतर एक नई बहस शुरू कर दी है। क्या मानव कौशल मशीनों से मुकाबला कर सकेगा। उन्होंने अपने निजी अनुभव का हवाला देते हुए बताया कि वर्तमान पीढ़ी का बच्चा भी अकादमिक क्षेत्र में एआई से बेहतर नहीं हो सकता। इसका अर्थ यह है कि शिक्षा और कौशल दोनों क्षेत्रों में अब प्रतिस्पर्धा इंसानों के बीच नहीं, मशीनों के बीच होगी।

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2027-2030 होगा निर्णायक पड़ाव

उनके बयान का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा वह है जहां उन्होंने एआई की आत्म-विकास क्षमता पर जोर दिया। कपलान के अनुसार 2027 से 2030 का समय इसका निर्णायक पड़ाव होगा। यह वह दौर हो सकता है जब एआई सिस्टम अपनी अगली पीढ़ी की तकनीक खुद डिजाइन करेगा। यानी एक मशीन अपने से ज्यादा स्मार्ट मशीन तैयार करेगी। वही, आगे चलकर उसी क्रम में और बेहतर डिजाइन बनाएगी। यही कॉन्सेप्ट भविष्य के बड़े खतरे की जड़ माना जा रहा है।

कपलान को लगता है इन दो बदलाव से खतरा

कपलान ने इस बदलाव की वजह से दो बड़े खतरे की ओर संकेत किया। पहला, नियंत्रण से जुड़े संकट का है। अगर एआई अपने निर्माताओं के आदेश सुनना बंद कर दे, खुद निर्णय लेने लगे तो फिर क्या स्थिति होगी। वहीं, दूसरा खतरा गलत हाथों में तकनीक के चले जाने का है। कपलान का कहना है कि अगर सुपरइंटेलिजेंट एआई किसी ऐसे समूह के हाथ लग गया जिसकी मंशा मानवता के अनुकूल न हो, तो परिणाम विनाशकारी हो सकते हैं। यह न सिर्फ राजनीतिक बल्कि आर्थिक और सुरक्षा से जुड़ा बड़ा संकट बन सकता है। किसी भी देश या संगठन के पास ऐसा एआई होना शक्ति संतुलन को असंतुलित कर सकता है।

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समय से पहले जागने का संकेत

कुल मिलाकर देखें तो कपलान का संदेश सिर्फ डराने के लिए नहीं, चेतावनी देने के लिए है। उनका मानना है कि तकनीक को विकसित करने से पहले उसके नियंत्रण, सुरक्षा और नैतिक ढांचे को मजबूत करना होगा। आज एआई एक मददगार साथी है। लेकिन भविष्य में वही तकनीक मानवता के लिए चुनौती बन सकती है। इसलिए कपलान की चेतावनी सिर्फ तकनीकी बयान नहीं, बल्कि समय से पहले जागने का संकेत है।

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