भारतीय कंपनियों में AI बढ़ने के साथ अंदरूनी जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता बढ़ी

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भारतीय कंपनियों में AI बढ़ने के साथ अंदरूनी जोखिम प्रबंधन की आवश्यकता बढ़ी
September 12, 2025

AI risks in India: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और जनरेटिव AI के बढ़ते उपयोग ने भारतीय कंपनियों के लिए जोखिम बढ़ा दिए हैं, जिन्हें अब अंदरूनी प्रबंधन (Insider Risk Management) के जरिए नियंत्रित करना जरूरी हो गया है। Protiviti और Microsoft की नई whitepaper “SAFETOD: Safeguarding From Within – Insider Risk Management in India” के अनुसार, BFSI, हेल्थकेयर, लाइफ साइंसेज और IT/ITeS क्षेत्र सबसे अधिक संवेदनशील हैं क्योंकि ये उद्योग ग्राहक डेटा, बौद्धिक संपदा और विक्रेता नेटवर्क पर अत्यधिक निर्भर हैं।

भारत में इनसाइडर रिस्क मैनेजमेंट: एआई ने बढ़ाई कंपनियों की चुनौतियाँ

रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकांश संस्थानों में एंटरप्राइज-व्यापी अंदरूनी जोखिम प्रबंधन का कोई पूरा ढांचा नहीं है। जबकि AI और जनरेटिव AI नवाचार और उत्पादकता बढ़ाते हैं, ये डेटा लीक का नया रास्ता भी खोलते हैं। भारतीय कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि वे बोर्ड स्तर पर IRM को संस्थागत रूप दें, विशेषकर Digital Personal Data Protection (DPDP) Act और RBI, SEBI, IRDAI जैसी नियामक आवश्यकताओं के चलते।

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Microsoft Security Insights के अनुसार, विश्व के 63 प्रतिशत डेटा उल्लंघनों में अंदरूनी लोगों की भूमिका होती है। Protiviti के सर्वे में यह भी सामने आया कि केवल 25 प्रतिशत भारतीय संस्थान ही AI, IoT और ब्लॉकचेन जैसी नई तकनीकों से जुड़े गोपनीयता जोखिमों के लिए तैयार हैं। 84 प्रतिशत कंपनियों ने माना कि उनके पास जनरेटिव AI के कर्मचारियों के उपयोग को नियंत्रित करने में अंतराल है।

रिपोर्ट में यह भी सुझाया गया है कि हाई-रिस्क डेटा जैसे UPSI, बौद्धिक संपदा और मरीज रिकॉर्ड की सुरक्षा, भूमिका-आधारित एक्सेस, इंसाइडर-विशेष प्रतिक्रिया योजनाएं और वित्त, कानूनी व R&D विभागों के प्रशिक्षण पर ध्यान देना चाहिए।

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प्रौद्योगिकी एक सहायक साधन है, लेकिन रणनीति और शासन सबसे पहले होना चाहिए। Microsoft Purview जैसे टूल्स नीति टेम्प्लेट, गोपनीयता सुरक्षित जांच और ऑडिट रिपोर्टिंग प्रदान करते हैं। इन उपायों से भारतीय कंपनियां कानूनी जोखिम कम कर, डिजिटल ट्रस्ट बना सकती हैं और AI आधारित अर्थव्यवस्था में अनुपालन को प्रतिस्पर्धात्मक लाभ में बदल सकती हैं।

Riya Gupta

मीडिया जगत में अपने पाँच साल के सफ़र के दौरान, मैंने कंटेंट क्रिएशन, मीडिया एनालिसिस और वीडियो स्क्रिप्ट राइटिंग में हाथ आजमाया है। रिसर्च के साथ-साथ, मैंने सरकारी परियोजनाओं में भी अपना योगदान दिया है। मेरी विशेषता नई चीज़ों को तेजी से अपनाना और चुनौतीपूर्ण परियोजनाओं में एक्सीलेंस हासिल करना है।

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