अमेरिका और यूरोप में ये गाड़ियां टैक्सी और डिलीवरी का काम कर रही हैं। भारत में अभी यह तकनीक नहीं आई है, लेकिन भविष्य में इसका असर यहां भी दिख सकता है।
AI Feature: आज के समय में AI सिर्फ तकनीकी दुनिया तक सीमित नहीं रह गया है। अब यह हमारी जिंदगी के कई हिस्सों में शामिल हो चुका है। जैसे Google Maps, Chatbots, Voice Assistants, and Online Shopping की सिफारिशें, लेकिन अब AI सिर्फ हमारी मदद ही नहीं कर रहा, बल्कि यह कई नौकरियों को भी बदलने लगा है।
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UNCTAD) की एक रिपोर्ट आई है, जिसमें कहा गया है कि आने वाले समय में दुनिया की करीब 40% नौकरियां AI से प्रभावित हो सकती हैं। कुछ नौकरियां पूरी तरह खत्म हो सकती हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाएं ज्यादा जोखिम में हैं क्योंकि जो नौकरियां सबसे पहले AI से प्रभावित होंगी, उन्हें अधिकतर महिलाएं करती हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगले 5 सालों में नौकरियों की दुनिया में बड़ा बदलाव आ सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि कंपनियां AI को कितनी तेजी से अपनाती हैं।
AI से खतरे में कौन-कौन सी नौकरियां हैं?
HR और भर्ती से जुड़ी नौकरियां
पहले कंपनियों में कई लोग कैंडिडेट्स की जानकारी जांचते थे, लेकिन अब AI खुद ही सीवी पढ़कर तय कर लेता है कि किसे इंटरव्यू के लिए बुलाना है। IBM ने तो अपने कई HR कर्मचारियों की जगह AI को काम पर लगा दिया है।
ड्राइवर और डिलीवरी वर्कर्स
अब सेल्फ-ड्राइविंग गाड़ियों का दौर शुरू हो गया है। अमेरिका और यूरोप में ये गाड़ियां टैक्सी और डिलीवरी का काम कर रही हैं। भारत में अभी यह तकनीक नहीं आई है, लेकिन भविष्य में इसका असर यहां भी दिख सकता है।
एंट्री-लेवल कोडिंग की नौकरियां
अब ऐसे AI टूल्स आ गए हैं जो बिना कोडिंग सीखे ही ऐप और वेबसाइट बना सकते हैं। इससे कंपनियों को बड़ी IT टीम की ज़रूरत नहीं रही।
साइबर सुरक्षा और हैकिंग
AI सिर्फ सिक्योरिटी में मदद नहीं करता, बल्कि अब हैकर्स भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे साइबर हमले और ज्यादा खतरनाक हो गए हैं।
कस्टमर सर्विस और सेल्स
कंपनियां अब AI चैटबॉट्स से ग्राहकों से बात करवा रही हैं। Klarna जैसी कंपनी ने बताया कि उसका AI 2024 में 23 लाख ग्राहक सवालों का जवाब दे चुका है, जो 700 इंसानों के बराबर है।
रेस्टोरेंट और स्टोर वर्कर्स
अब कई जगहों पर रोबोट वेटर और सेल्फ-चेकआउट मशीनें इस्तेमाल हो रही हैं। इससे कर्मचारियों की जरूरत कम हो रही है। भारत के कुछ शहरों में भी रोबोट वेटर काम कर रहे हैं।
रिपोर्टिंग और ऑफिस कम्युनिकेशन
AI अब रिपोर्ट, ईमेल और मीटिंग नोट्स भी बना रहा है। कुछ कंपनियों ने तो अपने CEO का AI वर्जन भी बना लिया है जो उनकी शक्ल और आवाज़ में बात करता है।
डिजिटल मार्केटिंग और सोशल मीडिया
अब पोस्ट बनाना, विज्ञापन चलाना और ग्राहक का डेटा देखना AI कर रहा है, जो पहले इंसानों की टीम किया करती थी।
अब क्या करें?
यह सब सुनकर डर लग सकता है, लेकिन सच यह है कि हर नई तकनीक नई नौकरियां भी लाती है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि आज की 60% नौकरियां 1940 के दशक में नहीं थीं। इसका मतलब है कि तकनीक नई संभावनाएं भी खोलती है। घबराने की नहीं, समझदारी से AI को समझने और सीखने की जरूरत है। जो लोग समय के साथ खुद को बदलेंगे, उन्हें नए अवसर मिलेंगे। यही आज की सबसे बड़ी तैयारी है, सीखते रहना और आगे बढ़ते रहना।