AI job impact: Artificial Intelligence को लेकर दुनिया भर में डर और उम्मीद की दो धाराएं एक साथ चल रही हैं। हर रोज़ नई क्षमताएं, नए टूल्स और नई चर्चाएं। कहीं लोग इसे क्रांति बता रहे हैं, तो कहीं यह चिंता जताई जा रही है कि AI इंसानों की नौकरियां छीन लेगा। लेकिन तस्वीर सिर्फ एकतरफा नहीं है। AI के बढ़ते दायरे के बीच असल सवाल यह है कि क्या नौकरी खत्म होगी या नौकरी का स्वरूप बदलेगा? अगर नौकरियां खत्म करती है तो कौन से सेक्टर अधिक प्रभावित होंगे।
AI से सबसे पहले प्रभावित होने जा रहा है ये तीन सेक्टर…जानिए पूरे विस्तरा से कैसे इंसानी नौकरियां को ले लेगा अपने चपेट में।
ऑलीवियर के चेतावनी से चिंता
दरअसल, यह बातें और अधिक सुर्खियों में है जब से इस संदर्भ में OpenAI के बिज़नेस प्रोडक्ट्स हेड Olivier Godement की चेतावनी दी है। हालही में उनके द्वारा दिए गए बयान में दिया उन्होंने तीन क्षेत्रों, कोडिंग, कस्टमर सर्विस और लाइफ साइंसेज, को सबसे पहले प्रभावित होने वाली कैटेगरी बताया है। लेकिन कहानी सिर्फ इतनी नहीं है। असल बदलाव इससे कहीं बड़ा और रणनीतिक है।
कोडिंग: खतरा नहीं, भूमिका का रूपांतरण
पहला सेक्टर है Coding । तकनीक की दुनिया में कोडिंग को हमेशा सुरक्षित क्षेत्र माना गया था। लेकिन आज AI न सिर्फ कोड लिख रहा है, बल्कि उसे डिबग और ऑप्टिमाइज़ भी कर रहा है। साथ ही जूनियर डेवलपर की तरह पूरा मॉड्यूल तैयार कर दे रहा है। इससे यह भ्रम पैदा हो रहा है कि शायद डेवलपर्स की जरूरत खत्म हो जाएगी। मगर सच्चाई यह है कि AI डेवलपर की जगह नहीं ले रहा, बल्कि डेवलपर के स्तर को ऊंचा कर रहा है। अब कंपनियां ऐसे इंजीनियर्स चाहती हैं जो सिस्टम डिज़ाइन समझें। AI टूल्स को गाइड कर सकें। समस्या सुलझाने में क्रिएटिव हों।
READ MORE: क्यों खास है नोएडा का नया Apple Store? जानकर हो जाएंगे एक्साइटेड
AI के हवाले कस्टमर सर्विस
वहीं, दूसरा सेक्टर है Customer Service। यह नौकरी खत्म नहीं, बल्कि जिम्मेदारी का अपग्रेड है। AI से कस्टमर सर्विस में बदलाव सबसे तेज है। कई कंपनियों के चैटबॉट अब इतनी फ्लुएंट बातचीत कर रहे हैं कि यूज़र को इंसान और मशीन में फर्क ही नहीं पता चलता। कॉल सेंटर की प्राथमिक स्क्रीनिंग अब लगभग पूरी तरह AI पर निर्भर हो चुकी है। लेकिन यहां भी इंसानी भूमिका गायब नहीं हो रही, बदल रही है, जटिल समस्या इंसान संभालेगा। शिकायतों का एस्कलेशन इंसान करेगा। असंतुष्ट ग्राहकों की मैनेजमेंट इंसान करेगा। मतलब, पहला दरवाज़ा AI संभाल रहा है, पर आखिरी निर्णय अभी भी इंसान के हाथ में है।
लाइफ साइंसेज: शोध का समय घटेगा, जोखिम बढ़ेगा
और तीसरा है Life Sciences। सबसे बड़ा बदलाव लाइफ साइंसेज में हो रहा है। AI अब बायोलॉजिकल डेटा पढ़ रहा है। ड्रग टेस्टिंग के पैटर्न समझ रहा है। नई दवाओं के संयोजन सुझा रहा है। दवाईययां बना रहा है। लेकिन सवाल भी खड़े कर रहे हैं कि क्या AI निर्मित दवाएं सुरक्षित होंगी? क्या वैज्ञानिकों की भूमिका कम हो जाएगी?
READ MORE: OpenAI ने चेताया, नई AI मॉडल्स बढ़ा सकती है साइबर खतरे
AI से कम करने के तौर- तरीके बदलेगा
यहा इंसान को ज्यादा क्रिएटिव और रणनीतिक भूमिका देता है। हेल्थकेयर, फाइनेंस, शिक्षा, और रक्षा में AI इंसानों की भूमिका को केंद्र से किनारे नहीं कर रहा, बल्कि भूमिका को बदल रहा है। इसलिए डर कर नहीं तकनीक के साथ जीने की कला के साथ बढ़ना होगा। क्योंकि हर तकनीकी क्रांति नई नौकरियां लाती है और पुरानी नौकरियां बदलती है। AI भी वही कर रहा है। AI का युग इंसान को खत्म नहीं करेगा, इंसान को बेहतर बनाएगा। लेकिन जो साथ नहीं चलेंगे, वे पीछे जरूर छूट जाएंगे।
