अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप Apple द्वारा भारत में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं। उन्होंने टिम कुक से इसको लेकर बातचीत की है।
Donald Trump Statement: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में Apple को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने कंपनी के CEO टिम कुक से बात करते हुए कहा है कि वह भारत में Apple की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बढ़ाने के फैसले से खुश नहीं हैं। दरअसल, Apple ने मार्च 2024 में खत्म हुए वित्त वर्ष में भारत में करीब 22 अरब डॉलर की iPhone मैन्युफैक्चरिंग की है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 60% ज्यादा है। यह भारत में Apple की तेजी से बढ़ती मौजूदगी को दिखाता है।
क्यों भारत शिफ्ट हो रही है Apple की मैन्युफैक्चरिंग?
Apple पिछले कुछ समय से चीन की जगह भारत को मैन्युफैक्चरिंग हब बना रहा है। इसके पीछे कई वजहें हैं।
- कोविड-19 के समय चीन में सख्त लॉकडाउन से सप्लाई चेन पर असर पड़ा था।
- अमेरिका-चीन के बीच टकराव और ट्रेड वॉर ने Apple को नया ऑप्शन तलाशने पर मजबूर किया।
- भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम के तहत कंपनियों को भारी मुनाफा हो रहा है।
ट्रंप का मानना है कि एक अमेरिकी कंपनी को अमेरिका या उसके करीबी देशों में मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस करना चाहिए न कि भारत जैसे देशों में, जहां ये काम अमेरिकी वर्कर्स की जगह ले रहे हैं।
कतर यात्रा के दौरान कही ये बात
ट्रंप ने हाल ही में कतर यात्रा के दौरान एक कार्यक्रम में बताया कि टिम कुक से उनकी भारत में मैन्युफैक्चरिंग को लेकर बातचीत हुई थी। ट्रंप ने कहा, “वो अब पूरे भारत में मैन्युफैक्चरिंग कर रहे हैं। मैंने उनसे कहा कि मैं नहीं चाहता कि आप भारत में मैन्युफैक्चरिंग करें।” ट्रंप का कहना है कि इस बातचीत के बाद अब एप्पल अमेरिका में अपनी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाएगा।
साउथ इंडिया बन रहा Apple का नया ठिकाना
भारत में Apple की मैन्युफैक्चरिंग तेजी से आगे बढ़ रही है, खासकर दक्षिण भारत में:
- Foxconn की फैक्ट्री तमिलनाडु में है, जो iPhones तैयार करती है।
- Tata Group ने Wistron की यूनिट खरीद ली है और Pegatron के साथ मिलकर काम कर रहा है।
- दोनों कंपनियां भारत में अपने प्रोडक्शन को बढ़ा रही हैं।
क्या ट्रंप के बयान से बदलेगा Apple का प्लान?
ट्रंप के इस बयान ने Apple की भारत रणनीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर कंपनी पर अमेरिकी दबाव बढ़ता है, तो संभव है कि Apple को अपनी कुछ मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका शिफ्ट करनी पड़े। हालांकि, भारत की ओर से आकर्षक प्रोत्साहन, सस्ता श्रम और सप्लाई चेन की तेजी Apple को यहां टिके रहने के लिए मजबूत कारण देते हैं।