प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अमेरिका के मशहूर पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक लंबी और गहन बातचीत की।
PM Modi Podcast: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के मशहूर पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ एक खास बातचीत की। तीन घंटे से ज्यादा चली इस चर्चा में उन्होंने AI पर अपने विचार साझा किए। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया AI में चाहे जितनी भी तरक्की कर ले, लेकिन भारत के बिना यह अधूरा रहेगा।
उन्होंने आगे बताया कि भारत सिर्फ AI का उपभोक्ता नहीं है, बल्कि इसका एक मजबूत इनोवेशन हब भी बन रहा है। यहां लोग अपने ज्ञान और अनुभव से नई संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं। भारत AI को सिर्फ एक तकनीक के रूप में नहीं, बल्कि व्यवहारिक जरूरतों के अनुसार ढालकर उपयोगी बना रहा है, लेकिन सवाल उठता है भारत AI के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? आइए इसे बारीकी से समझते हैं।
विशाल डेटा का भंडार
भारत की 1.4 अरब से अधिक आबादी हर दिन हेल्थ, ई-कॉमर्स और फाइनेंस जैसे सेक्टर्स में बड़े पैमाने पर डेटा जनरेट करती है। AI मॉडल को ट्रेन करने के लिए यह डेटा बेहद जरूरी है, जिससे अधिक स्मार्ट और सटीक AI एप्लिकेशन विकसित किए जा सकते हैं।
विश्वस्तरीय टैलेंट और संस्थान
भारत हर साल लाखों इंजीनियर और IT प्रोफेशनल्स तैयार करता है, जो AI, मशीन लर्निंग और डेटा साइंस में महारत रखते हैं। IIT, IISc जैसे शीर्ष संस्थान दुनिया में अपनी रिसर्च और इनोवेशन के लिए पहचाने जाते हैं।
मजबूत स्टार्टअप इकोसिस्टम
भारत में 4,000 से अधिक AI स्टार्टअप हैं, जिनमें Fractal Analytics, Haptik और Mad Street Den जैसे बड़े नाम शामिल हैं। सरकार की Startup India पहल ने इस क्षेत्र में तेजी से विकास को बढ़ावा दिया है।
सरकार की पहल और निवेश
भारतीय सरकार ने AI को आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिससे AI रिसर्च और उसके व्यावहारिक उपयोग को और मजबूती मिल रही है। इससे भारत वैश्विक स्तर पर AI इनोवेशन में बड़ी भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहा है।
किफायती इनोवेशन और वैश्विक पहचान
भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है और अपनी एक खास पहचान बना रहा है। कम लागत में उच्च-गुणवत्ता वाले AI समाधान विकसित करने की क्षमता के कारण भारत, अमेरिका और यूरोप की तुलना में AI इनोवेशन का एक आकर्षक केंद्र बन चुका है। यही वजह है कि Google, Microsoft, और IBM जैसी दिग्गज टेक कंपनियों ने भारत में अपने AI रिसर्च सेंटर स्थापित किए हैं।
AI का विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार
आज भारत में AI सिर्फ टेक इंडस्ट्री तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य, कृषि, वित्त, शिक्षा और सरकारी प्रशासन जैसे क्षेत्रों में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है:
- स्वास्थ्य: AI-आधारित डायग्नोसिस, टेलीमेडिसिन से मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं।
- कृषि: सटीक खेती और फसल निगरानी के जरिए किसानों को फायदा हो रहा है।
- वित्त: डिजिटल बैंकिंग और धोखाधड़ी की पहचान में AI अहम भूमिका निभा रहा है।
- शिक्षा: पर्सनलाइज्ड लर्निंग और AI ट्यूटर से छात्रों की पढ़ाई आसान हो रही है।
- सरकारी प्रशासन: स्मार्ट सिटीज और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में AI मदद कर रहा है।
IT मिनिस्टर तय कर चुके हैं टारगेट
भारत सरकार भी AI के क्षेत्र में अपनी जगह मजबूत करने के लिए बड़े कदम उठा रही है। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घोषणा की है कि अगले 10 महीनों में भारत अपना खुद का AI मॉडल विकसित करेगा। यह मॉडल भारतीय जरूरतों को ध्यान में रखते हुए बनाया जाएगा।
सरकार इस योजना के तहत 18,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) के साथ एक एडवांस्ड डेटा सेंटर तैयार कर रही है, जो AI मॉडल की ट्रेनिंग और एग्जीक्यूशन के लिए काम करेगा। वर्तमान में, भारत में पहले से ही 10,000 GPUs सक्रिय हैं, जो AI डेवलपमेंट को गति दे रहे हैं।
दुनिया भी कर रही भारत की सराहना
भारत के AI क्षेत्र में बढ़ते प्रभाव को देखते हुए, ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन ने भी भारत की तारीफ की थी। अपने भारत दौरे के दौरान उन्होंने कहा कि भारत AI के लिए एक अहम बाजार है और OpenAI के लिए दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार भी बन रहा है।