Dollar पर Bitcoin का दबाव? Coinbase CEO का बड़ा बयान

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Dollar पर Bitcoin का दबाव? Coinbase CEO का बड़ा बयान
December 29, 2025

Coinbase Ceo Bitcoin: Coinbase के CEO ब्रायन आर्मस्ट्रॉन्ग का कहना है कि Bitcoin अमेरिका की आर्थिक व्यवस्था के लिए खतरा नहीं, बल्कि एक जरूरी चेतावनी की तरह काम करता है। उनके मुताबिक, Bitcoin अमेरिकी डॉलर के लिए एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा पैदा करता है, जिससे सरकार को जरूरत से ज्यादा महंगाई और घाटे वाले खर्च से बचने का संकेत मिलता है।

Coinbase CEO ब्रायन आर्मस्ट्रॉन्ग का मानना है कि Bitcoin अमेरिकी डॉलर के लिए हेल्दी प्रतिस्पर्धा बनकर महंगाई और घाटे वाले खर्च पर लगाम लगाने में मदद कर सकता है।

डॉलर के लिए हेल्दी चेक एंड बैलेंस

आर्मस्ट्रॉन्ग ने कहा है कि जब सरकारें जरूरत से ज्यादा पैसा छापती हैं या घाटे में खर्च बढ़ाती हैं, तो आम लोग सुरक्षित विकल्प ढूंढने लगते हैं। उनके शब्दों में, अगर अमेरिका में बहुत ज्यादा महंगाई या कर्ज बढ़ता है, तो लोग Bitcoin की ओर रुख करेंगे। यही वजह है कि Bitcoin एक तरह से डॉलर पर ‘चेक एंड बैलेंस’ का काम करता है।

बढ़ता अमेरिकी कर्ज चिंता का कारण

अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज तेजी से बढ़ रहा है। US कांग्रेस की Joint Economic Committee के अनुसार, देश का कुल कर्ज करीब 38.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है और यह हर सेकंड लगभग 69,433 डॉलर की दर से बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर इस कर्ज और महंगाई पर समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया, तो डॉलर पर भरोसा धीरे-धीरे कमजोर हो सकता है।

Bitcoin को क्यों कहा जा रहा है ‘डिजिटल गोल्ड’

Bitcoin की कीमत अक्टूबर में 126,000 डॉलर से ज्यादा के स्तर तक पहुंच गई थी, जो इसका अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। हालांकि, इसके बाद कीमतों में गिरावट भी आई। कई निवेशक Bitcoin को सोने की तरह एक सुरक्षित संपत्ति मानते हैं, जो मुद्रा की वैल्यू गिरने से बचाने में मदद करती है। आर्मस्ट्रॉन्ग के मुताबिक, Bitcoin इसलिए खास है क्योंकि यह क्रिप्टो की दुनिया की पहली और सबसे भरोसेमंद करेंसी है।

Bitcoin और अमेरिकी सिस्टम का रिश्ता

आर्मस्ट्रॉन्ग का मानना है कि Bitcoin अमेरिकी आर्थिक प्रयोग को कमजोर नहीं करता, बल्कि उसे लंबा चलाने में मदद करता है। उनके अनुसार, जब लोगों के पास विकल्प होते हैं, तो सरकारों पर जिम्मेदारी से काम करने का दबाव बनता है।

डॉलर का डिजिटल विस्तार

Bitcoin के अलावा, Stablecoin भी इस बहस का अहम हिस्सा हैं। Stablecoin ऐसी डिजिटल करेंसी होती हैं जिनकी कीमत अमेरिकी डॉलर से जुड़ी रहती है। इन्हें रोजमर्रा के भुगतान, पैसे भेजने और व्यापार में तेजी से अपनाया जा रहा है।

GENIUS Act से बढ़ा भरोसा

जुलाई में अमेरिका ने GENIUS Act पास किया, जिसके तहत पेमेंट Stablecoin को रेगुलेट किया गया। इस कानून के अनुसार, Stablecoin को सुरक्षित एसेट्स से बैक करना जरूरी है। इस कदम से फाइनेंशियल संस्थानों का भरोसा बढ़ा और Stablecoin का बाजार तेजी से फैलने लगा।

Stablecoin का बढ़ता बाजार

आज Stablecoin का कुल मार्केट कैप 312 बिलियन डॉलर से ज्यादा हो चुका है। अनुमान है कि 2028 तक यह आंकड़ा 2 ट्रिलियन डॉलर को पार कर सकता है। अमेरिकी ट्रेजरी अधिकारियों का मानना है कि डॉलर-बैक्ड Stablecoin दुनिया भर में डॉलर की मांग को और मजबूत करेंगे।

बदलती वैश्विक वित्तीय सोच

एक तरफ Bitcoin को महंगाई और कर्ज के खिलाफ सुरक्षा कवच माना जा रहा है, तो दूसरी ओर Stablecoin को डिजिटल डॉलर का रूप कहा जा रहा है। यह साफ है कि डिजिटल करेंसी अब सिर्फ निवेश का जरिया नहीं, बल्कि वैश्विक वित्तीय सिस्टम को बदलने वाली ताकत बन चुकी है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

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