Nvidia Groq Deal: AI की दुनिया में प्रतिस्पर्धा हर दिन तेज होती जा रही है। इसी बीच Nvidia ने एक अहम कदम उठाते हुए AI स्टार्टअप Groq के साथ लाइसेंसिंग डील की है और उसके टॉप लीडर्स को अपनी टीम में शामिल किया है। यह फैसला साफ दिखाता है कि अब बड़ी टेक कंपनियां पूरी कंपनी खरीदने के बजाय टैलेंट और खास टेक्नोलॉजी को सीधे जोड़ने पर ज्यादा ध्यान दे रही हैं।
Nvidia और AI स्टार्टअप Groq के बीच हुई नई लाइसेंसिंग डील ने AI चिप बाजार में हलचल मचा दी है, जानिए क्यों यह डील अधिग्रहण से भी ज्यादा अहम मानी जा रही है।
Nvidia ने Groq की टेक्नोलॉजी का लिया लाइसेंस
Groq ने पुष्टि की है कि Nvidia ने उसकी AI चिप टेक्नोलॉजी का एक्सक्लूसिव लाइसेंस लिया है। इस डील के तहत Groq के फाउंडर और CEO जोनाथन रॉस Nvidia में शामिल हो रहे हैं। रॉस पहले Google के AI चिप प्रोग्राम पर भी काम कर चुके हैं, जिससे उनका अनुभव और भी अहम हो जाता है।
इसके अलावा Groq के प्रेसिडेंट सनी मद्रा और कंपनी के कई इंजीनियर भी Nvidia का हिस्सा बनेंगे। हालांकि, दोनों कंपनियों ने इस डील से जुड़ी किसी भी तरह की फाइनेंशियल जानकारी साझा नहीं की है। Nvidia ने साफ कहा है कि यह केवल लाइसेंसिंग डील है, कोई अधिग्रहण नहीं।
अधिग्रहण नहीं, फिर भी बड़ी चर्चा क्यों?
कुछ समय पहले एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि Nvidia करीब 20 अरब डॉलर में Groq को खरीदने पर विचार कर रही थी। हालांकि, इस पर न Nvidia और न ही Groq ने कोई पुष्टि की है। Groq ने साफ किया है कि वह एक स्वतंत्र कंपनी बनी रहेगी। कंपनी के नए CEO साइमन एडवर्ड्स होंगे और उसका क्लाउड बिजनेस पहले की तरह जारी रहेगा।
बिग टेक कंपनियों का नया तरीका
Nvidia- Groq डील कोई नया ट्रेंड नहीं है। हाल के सालों में कई बड़ी टेक कंपनियों ने इसी तरह का रास्ता अपनाया है। Microsoft ने लाइसेंस डील के जरिए AI टैलेंट को जोड़ने के लिए लगभग 650 मिलियन डॉलर खर्च किए। Meta ने Scale AI के CEO को जोड़ने के लिए करीब 15 अरब डॉलर की डील की, बिना कंपनी खरीदे। Amazon ने भी Adept AI के फाउंडर्स को इसी तरीके से अपने साथ जोड़ा। रेगुलेटर इन सौदों पर नजर रख रहे हैं, क्योंकि ऐसे समझौते प्रतिस्पर्धा को प्रभावित कर सकते हैं। हालांकि, अब तक किसी भी डील को रोका नहीं गया है।
AI की अगली जंग
AI में अब असली मुकाबला Inference को लेकर है। Inference वह चरण होता है जब ट्रेंड किया गया AI मॉडल यूजर के सवालों का जवाब देता है। चैटबॉट, सर्च इंजन और एंटरप्राइज टूल्स इसी पर निर्भर करते हैं। Nvidia अभी AI ट्रेनिंग चिप्स में सबसे आगे है, लेकिन Inference तेजी से एक बड़ा बाजार बन रहा है। Groq इसी क्षेत्र में खास पहचान रखता है।
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Groq के चिप्स SRAM आधारित डिजाइन पर काम करते हैं, जबकि ज्यादातर कंपनियां ऑफ-चिप हाई-बैंडविड्थ मेमोरी का इस्तेमाल करती हैं। इससे जवाब देने की स्पीड तेज होती है और मेमोरी की वैश्विक कमी का असर कम पड़ता है, हालांकि बहुत बड़े AI मॉडल चलाने में सीमाएं भी रहती हैं।
Groq की बढ़ती वैल्यू और नई चुनौतियां
सितंबर में Groq ने 750 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई, जिसके बाद उसकी वैल्यूएशन बढ़कर करीब 6.9 अरब डॉलर हो गई। एक साल पहले यह आंकड़ा सिर्फ 2.8 अरब डॉलर था। कंपनी ने मिडिल ईस्ट में भी बड़े AI इंफ्रास्ट्रक्चर कॉन्ट्रैक्ट हासिल किए हैं, जो इस क्षेत्र को AI के लिए अहम बना रहे हैं। Groq का करीबी प्रतिद्वंद्वी Cerebras Systems भी जल्द IPO लाने की तैयारी में बताया जा रहा है।
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Nvidia की लंबी रणनीति
Nvidia के CEO जेंसन हुआंग का मानना है कि जैसे-जैसे AI की मांग ट्रेनिंग से Inference की ओर बढ़ेगी, Nvidia अपनी बढ़त बनाए रखेगा। विश्लेषकों के मुताबिक, Groq के साथ यह लाइसेंसिंग डील Nvidia को एंटीट्रस्ट जोखिम से बचाते हुए टैलेंट और एडवांस टेक्नोलॉजी दोनों हासिल करने में मदद करती है।
