Jeff Bezos AI: Jeff Bezos ने फिजिसिस्ट और पूर्व Google X रिसर्चर के साथ मिलकर एक नई AI कंपनी Project Prometheus की सह स्थापना की है। कंपनी अभी आधिकारिक रूप से लॉन्च नहीं हुई है लेकिन इसके लिए 6.2 बिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई जा चुकी है जिसमें से कुछ निवेश Bezos ने खुद किया है। दोनों सह-संस्थापक और CEO के रूप में काम करेंगे।
Project Prometheus का लक्ष्य केवल AI चैटबॉट या इमेज जनरेटर बनाने का नहीं है। यह AI मॉडल विकसित कर रही है जो भौतिक दुनिया से सीख सके और उसमें काम कर सके। इसका उपयोग वाहन, इंडस्ट्रियल डिजाइन, रोबोटिक्स और स्पेस टेक्नोलॉजी में किया जा सकता है।
Jeff Bezos की Project Prometheus AI कंपनी, डिजिटल से भौतिक दुनिया तक का ब्रिज बनाने का प्रयास कर रही है। यह AI सिस्टम्स वास्तविक दुनिया की जटिलताओं को समझकर कार्य करेंगे।
भौतिक बुद्धिमत्ता पर फोकस
आज के अधिकांश AI टूल जैसे ChatGPT या Google Gemini डिजिटल दुनिया को समझते हैं, लेकिन भौतिक वास्तविकता को समझने में सक्षम नहीं हैं। Project Prometheus AI को इस तरह प्रशिक्षित करना चाहता है कि वह भौतिक दुनिया के नियमों को समझे और उसी के अनुसार निर्णय और कार्य करे।
कंपनी ऐसे AI सिस्टम बना रही है जो इंजीनियरों और मैन्युफैक्चरर्स की मदद करें। ऐसे काम, जो सिर्फ सॉफ्टवेयर से हल नहीं हो सकते, AI को भौतिक दुनिया में सक्षम बनाने की दिशा में होंगे। यह Bezos की हार्डवेयर और स्पेस टेक्नोलॉजी में रुचि के अनुरूप है। उनकी कंपनी Blue Origin ने हाल ही में New Glenn रॉकेट की दूसरी सफल उड़ान भरी है।
Vik Bajaj और अनुभव
Vik Bajaj Google X में Wing और Waymo जैसी परियोजनाओं पर काम कर चुके हैं। 2018 में उन्होंने Foresite Labs की स्थापना की जो डेटा साइंस और हेल्थकेयर स्टार्टअप्स को सपोर्ट करती है। अब वह Project Prometheus के CEO भी हैं।
कंपनी का मुख्यालय San Francisco, London और Zurich में है। Project Prometheus ने पहले ही 100 कर्मचारियों को हायर किया है, जिनमें OpenAI और Google DeepMind के टैलेंटेड लोग शामिल हैं।
भौतिक अर्थव्यवस्था के लिए AI
कंपनी का LinkedIn प्रोफाइल बताता है कि यह AI को physical economy में लागू करना चाहती है। इसका मतलब है Manufacturing, Logistics, Robotics, Energy Systems और स्पेस इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में AI का उपयोग। ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां AI का अब तक सीमित प्रभाव रहा है और Prometheus इसे बदलने की कोशिश कर रही है।
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भविष्य की दिशा
कंपनी अभी स्टील्थ मोड में है, कोई वेबसाइट या उत्पाद लॉन्च नहीं हुआ है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में हायरिंग और टॉप AI लैब्स से प्रतिभाओं को जोड़ने का काम यह दर्शाता है कि यह सिर्फ एक छोटा प्रयोग नहीं है। यह एक गंभीर प्रयास है, जो भौतिक दुनिया की जटिलताओं में AI को सक्षम बनाना चाहता है।
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यदि Project Prometheus अपने उद्देश्यों में सफल होती है, तो यह फैक्ट्रियों, वाहनों और रॉकेट्स तक AI के प्रभाव को पूरी तरह बदल सकती है। इसका असर केवल तकनीक तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि भौतिक दुनिया में AI का नया युग शुरू हो सकता है।
