Melania Trump: अमेरिका की पूर्व फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप एक बार फिर चर्चा में हैं। लंबे समय की चुप्पी के बाद उन्होंने अपनी सोलाना-आधारित मीमकॉइन MELANIA Token का प्रमोशन शुरू किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक एआई-जनरेटेड वीडियो शेयर किया, जिसमें इस टोकन को “भविष्य की ओर एक रास्ता” बताया गया। हालांकि, यह प्रमोशनल वीडियो उन गंभीर सवालों का जवाब नहीं देता, जो इस टोकन की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को लेकर उठाए जा रहे हैं।
Melania Trump ने अपने MELANIA टोकन को फिर प्रमोट किया है, लेकिन निवेशकों में संदेह बना हुआ है। टोकन की कीमत में भारी गिरावट और अंदरूनी बिक्री पर सवाल उठ रहे हैं।
दरअसल, MELANIA टोकन की शुरुआत से ही इस पर अंदरूनी बिक्री (insider sales) और तरलता (liquidity) में हेरफेर के आरोप लगते रहे हैं। अप्रैल 2025 में ब्लॉकचेन डेटा प्लेटफ़ॉर्म Bubblemaps ने खुलासा किया था कि टीम वॉलेट्स से करीब 30 मिलियन डॉलर मूल्य के टोकन बेचे गए थे। इसके बाद जून तक और 35 मिलियन डॉलर के टोकन बेचे जाने की जानकारी सामने आई। चौंकाने वाली बात यह है कि MELANIA टोकन की 92% सप्लाई टीम वॉलेट्स में ही मौजूद थी। यही कारण है कि जैसे-जैसे टोकन की कीमत गिरी, टीम लगातार बड़ी मात्रा में टोकन बेचती रही, जिससे मार्केट मैनिपुलेशन के आरोप और गहराते गए।
Read More: भारत को रोज़गार संकट से निकालने के लिए हर साल 12.2% आर्थिक वृद्धि ज़रूरी: मॉर्गन स्टेनली
जनवरी 2025 में लॉन्च के समय MELANIA टोकन की कीमत 13.73 डॉलर थी, लेकिन अब यह गिरकर सिर्फ 0.18 डॉलर रह गई है, यानी लगभग 98% मूल्य का नुकसान। इस भारी गिरावट ने निवेशकों और रेगुलेटर्स का ध्यान खींचा है, क्योंकि इसका मुख्य कारण अंदरूनी बिक्री और नकली तरलता प्रबंधन माना जा रहा है।
इसके अलावा, लॉन्च के समय भी संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। मेलानिया ट्रंप की आधिकारिक घोषणा से कुछ ही मिनट पहले 24 वॉलेट्स ने टोकन की कुल सप्लाई का 33% खरीद लिया था। इन वॉलेट्स का सीधा संबंध ट्रंप की कंपनी से साबित नहीं हुआ, लेकिन जांच में इनके पिछले असफल मीम प्रोजेक्ट्स जैसे LIBRA टोकन से जुड़े होने की बात सामने आई है।
Read More: Stripe का Open Issuance लॉन्च, अब मिनटों में बनाएं अपना Stablecoin
भारी गिरावट और विवादों के बावजूद, मेलानिया ट्रंप अब भी अपने टोकन का प्रचार कर रही हैं। हालांकि, मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि पारदर्शिता और विश्वास के बिना इस टोकन का भविष्य बेहद संदिग्ध है।