Indian Army AI System: भारतीय सेना ने तकनीकी क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सेना को अपने ही अधिकारी कर्नल कुलदीप यादव द्वारा विकसित ‘ऑटोमैटिक टारगेट क्लासिफाइंग सिस्टम बेस्ड ऑन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का पेटेंट मिला है। यह सिस्टम पूरी तरह AI पर आधारित है और राडार पर दिखने वाले टारगेट की पहचान और वर्गीकरण बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के कर सकता है।
कर्नल कुलदीप यादव द्वारा विकसित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम से भारतीय सेना को बड़ी सफलता मिली। यह पेटेंट आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम है।
सेना ने किया पोस्ट
यह इनोवेशन सेना की ऑपरेशनल क्षमता को और मजबूत बनाएगा। सेना ने X पर लिखा है कि कर्नल यादव का यह आविष्कार भारतीय सेना की इनोवेशन को बढ़ावा देने और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
यह सिस्टम रियल टाइम के डेटा को रिकॉर्डेड डाटाबेस से मिलाकर टारगेट की पहचान करता है। इसकी खासियत यह है कि यह इंसानों की तुलना में अधिक तेज और सटीक परिणाम देता है। इस तकनीक का इस्तेमाल स्पेशली मिसाइल गाइडेंस और अन्य सैन्य अनुप्रयोगों में किया जा सकता है।
#IndianArmy has been successfully granted a patent for its in-house innovation — ‘Automatic Target Classifying System based on Artificial Intelligence’. This innovative solution will autonomously identify and classify targets on radar without the need for human intervention,… pic.twitter.com/lKzrLSjPHJ
— ADG PI – INDIAN ARMY (@adgpi) September 10, 2025
READ MORE: भारत बनेगा AI का नया केंद्र, OpenAI बनाएगा विशाल डेटा सेंटर
क्या है फायदा ?
कर्नल यादव इससे पहले भी AI-पावर्ड एक्सीडेंट प्रिवेंशन सिस्टम विकसित कर चुके हैं जिसे 2023 में पेटेंट मिला था। यह सिस्टम अगले 20 साल तक वैध रहेगा। इसका मुख्य उद्देश्य सड़क हादसों को रोकना है। यह ड्राइवर की थकान या नींद को पहचानकर उन्हें रियल टाइम अलर्ट देता है जिससे नींद से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव संभव हो पाता है।
The #IndianArmy has received the patent for an ‘Accident Prevention System based on #ArtificialIntelligence’ developed indigenously by its Research & Development wing. #AatmanirbharBharat #DigitalIndia pic.twitter.com/OFfdNcc04Q
— Digital India (@_DigitalIndia) August 9, 2023
कर्नल यादव के ये दोनों आविष्कार न सिर्फ रक्षा क्षेत्र को तकनीकी रूप से सशक्त बना रहे हैं बल्कि सड़क सुरक्षा में भी अहम योगदान दे रहे हैं। यह उपलब्धि भारतीय सेना की नवाचार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
READ MORE: हिंदी बोलने वालों के लिए खुशखबरी! Meta प्रति घंटे दे रही 4,500, जानें कैसे