कंपनी की पब्लिशर पार्टनरशिप हेड जेसिका चान ने बताया कि पारंपरिक मॉडल यानी केवल क्लिक और ट्रैफिक पर निर्भर रहना अब पुराना तरीका हो चुका है।
Perplexity AI: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में तेजी से उभर रही कंपनी Perplexity AI Inc. अब पब्लिशर्स के साथ रेवेन्यू शेयर करने का मौका दे रही है। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब कई मीडिया हाउस AI कंपनियों पर उनके कंटेंट के इस्तेमाल और कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर आलोचना और कानूनी कार्रवाई कर रहे हैं।
कंपनी के सीईओ अरविंद श्रीनिवास के अनुसार, प्रकाशकों को उनकी सामग्री से होने वाली कमाई में हिस्सा देने के लिए 42.5 मिलियन डॉलर का एक फंड बनाया गया है। उन्होंने कहा कि AI इंटरनेट को बेहतर बना रहा है, लेकिन प्रकाशकों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए। यही इस कार्यक्रम का असली उद्देश्य है।
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क्यों जरूरी है यह प्रोग्राम?
मीडिया इंडस्ट्री का कहना है कि ओपनएआई के चैटजीपीटी और गूगल के एआई ओवरव्यू जैसे एआई टूल्स वेबसाइटों पर ट्रैफ़िक कम कर रहे हैं। नतीजतन, विज्ञापन राजस्व में गिरावट आ रही है। कमाई घट रही है। इसी बीच, Perplexity ने पब्लिशर्स के लिए नया मुआवजा मॉडल पेश किया है।
कंपनी की पब्लिशर पार्टनरशिप हेड जेसिका चान ने बताया कि पारंपरिक मॉडल यानी केवल क्लिक और ट्रैफिक पर निर्भर रहना अब पुराना तरीका हो चुका है। उन्होंने कहा कि हम एक नया स्टैंडर्ड बनाना चाहते हैं, जिससे प्रकाशकों को सीधे पैसा मिल सके।
कैसे मिलेगा पब्लिशर्स को फायदा?
इस नए प्रोग्राम के तहत पब्लिशर्स तीन तरीकों से कमाई कर पाएंगे।
- जब उनकी सामग्री Perplexity के Comet इंटरनेट ब्राउज़र पर ट्रैफ़िक लाती है।
- जब यह कंटेंट Comet पर सर्च रिजल्ट में दिखाई देगा।
- जब Comet के AI सहायक द्वारा किसी कार्य में इसका उपयोग किया जाता है।
इसके लिए कंपनी ने Comet Plus नाम से नया सब्सक्रिप्शन प्लान लॉन्च किया है। इसकी कीमत 5 डॉलर प्रति माह होगी। इसमें यूजर्स को चुना हुआ कंटेंट मिलेगा। खास बात यह है कि इस राजस्व का 80% प्रकाशकों को जाएगा और 20% पेरप्लेक्सिटी अपने पास रखेगी।
विवाद और कानूनी चुनौतियां
हालांकि, Perplexity का पहले भी कई मीडिया संस्थानों से टकराव हो चुका है। फोर्ब्स और कॉन्डे नास्ट जैसी संस्थाओं ने आरोप लगाया है कि कंपनी बिना अनुमति के एआई समाचार उनकी सामग्री का सारांशों में उपयोग कर रहा है। हाल ही में डॉव जोन्स और न्यूयॉर्क पोस्ट ने कंपनी के खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन का मामला दायर किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
इसके अलावा, Cloudflare ने भी Perplexity पर वेबसाइट से डेटा निकालने के लिए सुरक्षा ब्लॉक्स को बायपास करने का आरोप लगाया। हालांकि कंपनी का कहना है कि उनका AI असिस्टेंट वेबसाइट को यूजर रिक्वेस्ट पर एक्सेस करता है न कि वेब क्रॉलर की तरह डेटा चुराता है।
भविष्य की योजनाएं
Perplexity हाल ही में 100 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटा चुकी है और इसका वैल्यूएशन 18 बिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। कंपनी ने Google के Chrome ब्राउजर को खरीदने के लिए 34.5 बिलियन डॉलर का ऑफर भी दिया है।