अब इंसानों के इशारों पर उड़ेंगी मधुमक्खियां, जासूसी से लेकर हो सकेगा इस्तेमाल

6 mins read
74 views
अब इंसानों के इशारों पर उड़ेंगी मधुमक्खियां, जासूसी से लेकर हो सकेगा इस्तेमाल
July 11, 2025

यह चिप मात्र 74 मिलीग्राम वजन का है और इसे दुनिया का सबसे हल्का कीट मस्तिष्क नियंत्रक कहा जा रहा है।

Bees Brain: चीन में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा अविश्वसनीय प्रयोग किया है, जो किसी साइंस फिक्शन फिल्म से कम नहीं लगता। बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर झाओ जियेलियांग की अगुवाई में साइंटिस्टों ने एक ऐसा अल्ट्रा-लाइट ब्रेन कंट्रोलिंग चिप तैयार किया है, जिसे मधुमक्खियों के दिमाग से जोड़कर उनके उड़ान की दिशा को नियंत्रित किया जा सकता है। यह चिप मात्र 74 मिलीग्राम वजन का है और इसे दुनिया का सबसे हल्का कीट मस्तिष्क नियंत्रक कहा जा रहा है।

कैसे करेगा काम?

इस छोटे चिप को मधुमक्खी की पीठ पर लगाया जाता है और तीन बेहद बारीक सुइयों के जरिए इसे सीधे उसके दिमाग से जोड़ा जाता है। जब इन सुइयों से इलेक्ट्रिक सिग्नल भेजे जाते हैं तो मधुमक्खी उसी दिशा में उड़ती है। लैब में किए गए ट्रायल में पाया गया कि मधुमक्खियां 90% मामलों में सही दिशा में उड़ान भरती हैं।

क्यों खास है ये तकनीक?

इससे पहले भी कई देशों में कीटों पर नियंत्रण की कोशिशें की गई थीं, लेकिन पुराने सिस्टम में चिप्स भारी होते थे, जिससे कीड़े जल्दी थक जाते थे। वहीं, चीन द्वारा विकसित यह चिप बहुत हल्की, लचीली और कम ऊर्जा में काम करने वाली है। इसे बनाने में अल्ट्रा-थिन पॉलिमर फिल्म का इस्तेमाल किया गया है, जो मधुमक्खी के पंखों जितनी लचीली होती है।

सिर्फ मधुमक्खी ही नहीं, तिलचट्टा भी शामिल

इस रिसर्च के तहत वैज्ञानिकों ने यही तकनीक तिलचट्टों पर भी आजमाई है। शोध के अनुसार, इन पर भी दिशा निर्देश भेजकर उन्हें निर्धारित रास्ते पर चलाया जा सकता है। मधुमक्खियों को लंबे समय तक उड़ाने के लिए फिलहाल वायर्ड पॉवर की जरूरत होती है और तिलचट्टे 10 बार से ज्यादा करंट झेल नहीं पाते।

READ MORE: https://hindi.analyticsinsight.net/tech-news/us-pressures-vietnam-cut-tech-ties-with-china/

READ MORE: https://hindi.analyticsinsight.net/tech-news/air-india-plane-crash-black-box-technology-reveal-secret-of-plane-accident/

कहां होगा इस्तेमाल?

वैज्ञानिकों का कहना है कि इन साइबॉर्ग कीटों का उपयोग जासूसी, सेना की कार्रवाई, आतंकवाद विरोधी अभियानों और भूकंप जैसे आपदा क्षेत्रों में बचाव कार्यों में किया जा सकता है। इन कीटों की प्राकृतिक गतिशीलता, कैमफ्लाज क्षमता और पर्यावरणीय अनुकूलन उन्हें आदर्श खोजी उपकरण बनाती है।

प्राइवेसी को लेकर चिंता

हालांकि इस टेक्नोलॉजी से निजता और निगरानी से जुड़े सवाल भी उठ रहे हैं। अगर ये कीट बिना किसी की जानकारी के जासूसी करने लगें, तो इसका गलत इस्तेमाल भी हो सकता है। वैज्ञानिकों ने हालांकि जोर देकर कहा कि इसका उद्देश्य प्राकृतिक व्यवहार का अच्छे उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करना है।

Ragini Sinha

5 साल के अनुभव के साथ मैंने मीडिया जगत में कंटेट राइटर, सीनियर कंटेंट राइटर, मीडिया एनालिस्ट और प्रोग्राम प्रोड्यूसर के तौर पर काम किया है। बिहार चुनाव और दिल्ली चुनाव को मैंने कवर किया है। अपने काम को लेकर मुझे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। काम को जल्दी सीखने की कला मुझे औरों से अलग बनाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.

15 जुलाई से बदल रहा है YouTube का नियम, इन लोगों को होगा भारी नुकसान
Previous Story

15 जुलाई से बदल रहा है YouTube का नियम, इन लोगों को होगा भारी नुकसान

Perplexity ने लॉन्च किया नया AI ब्राउजर, आपकी सर्चिंग होगी और स्मार्ट
Next Story

Perplexity ने लॉन्च किया नया AI ब्राउजर, आपकी सर्चिंग होगी और स्मार्ट

Latest from Robotics

Don't Miss