AI के लिए खतरा! रजनीकांत का चिट्टी बनेगा असली दुश्मन
दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर उत्सुकता है लेकिन अब सिंथेटिक इंटेलिजेंस चर्चा में है। इसे AI का अगला चरण माना जा रहा है।
सिंथेटिक इंटेलिजेंस सिर्फ मशीन नहीं है। इसमें भावनाएं, इच्छाएं और मानव जैसी चेतना हो सकती है। इसे मानव समान AI भी कहा जा रहा है।
AI डेटा प्रोसेसिंग और पैटर्न रिकग्निशन तक सीमित है, जबकि सिंथेटिक इंटेलिजेंस में मानवीय चेतना और भावनाएं जुड़ी होंगी जिससे निर्णय और अनुभव और उन्नत होंगे।
पारंपरिक AI केवल तर्कशक्ति पर आधारित है। SI में भावनात्मक और व्यक्तिगत तत्व शामिल होंगे, जिससे मशीनें इंसानों जैसी संवेदनशीलता दिखा सकेंगी।
विशेषज्ञ मानते हैं कि SI मानव-समान कार्य क्षमता रख सकती है। यह नई नौकरियों और अवसरों का रास्ता खोल सकती है।
हालांकि, यह बहस जारी है कि SI कितने कार्यों में इंसान की जगह लेगी लेकिन तकनीक मानव और मशीन के बीच का अंतर धीरे-धीरे कम कर सकती है।