वेपिंग इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट हैं, जो यवाओं में काफी फेमस है। वेपिंग को सिगरेट के मुकाबले कम हानिकारक माना गया है, लेकिन यह आपकी सेहत को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
वेपिंग के आकर्षक डिजाइन, अलग-अलग फ्लेवर और सामान्य सिगरेट के मुकाबले कम गंध के कारण कई युवा इसे धूम्रपान का सुरक्षित तरीका मानते हैं।
आइए जानते हैं कि वेप में ऐसी कौन सी तकनीक है, जिसकी मदद से आप तकनीक के सहारे धूम्रपान कर सकते हैं।
वेपिंग में एरोसोल यूज होता है जो पानी की भाप जैसा दिखता है। इसमें निकोटीन, फ्लेवरिंग और 30 से ज्यादा केमिकल होते हैं। मुंह से खींचने पर बैटरी एक हीटिंग एलिमेंट को एक्टिव करती है।
वेप में बैटरी, हीटिंग एलिमेंट, एटमाइजर, सेंसर और ई-लिक्विड की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।
वेपिंग से कई स्वास्थ्य जोखिम जुड़े हैं और यह निकोटीन की लत का एक प्रमुख कारण भी है। वेपिंग से बचना सबसे अच्छा विकल्प है।