24 जून को जारी ड्राफ्ट में एक नया MNV प्लेटफॉर्म बनाने की बात कही गई है, जो बैंकों जैसे संस्थानों को नंबर वेरिफिकेशन की सुविधा देगा। ऐसे संस्थानों को TIUE कहा जाएगा।
नए नियम के तहत मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन के लिए अधिकृत संस्थाओं को हर रिक्वेस्ट पर 1.5 और अन्य संस्थाओं को 3 का शुल्क देना होगा।
हालांकि, अभी साफ नहीं है कि यह लागत कौन उठाएगा, लेकिन संभव है कि इसका बोझ अंत में यूजर्स पर ही डाला जाए।
दूरसंचार विभाग ने इस ड्राफ्ट पर संबंधित पक्षों से 30 दिनों के भीतर सुझाव मांगे हैं। नए नियमों से सरकारी एजेंसियां अब नॉन-टेलीकॉम कंपनियों से भी यूजर्स के लेन-देन की जानकारी मांग सकेंगी।
सूत्रों के मुताबिक, एक बैंक ने इस नई प्रणाली पर पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया है, जिसमें फ्रॉड नंबर को 90 दिनों तक बंद कर उसका पूरा रिकॉर्ड मिटा दिया जाएगा।