मई के आंकड़ों के मुताबिक, हर दिन 2000 सिम कार्ड्स को फ्रॉड में शामिल होने पर पकड़ा जा रहा है। ये नंबर फर्जी कॉल्स, स्पैम मैसेज और ठगी में इस्तेमाल किए जा रहे थे।
सरकार ने AI बेस्ड फाइनेंशियल रिस्क इंडिकेटर लागू किया है, जो मोबाइल नंबर को लो, मीडियम या हाई रिस्क कैटेगरी में डालकर संभावित फ्रॉड की पहचान करता है।
सभी बैंकों को अपने सिस्टम में ये इंडिकेटर लगाने को कहा गया है। टेलीकॉम कंपनियां भी अपने नेटवर्क की सिक्योरिटी बढ़ा रही हैं ताकि यूजर्स को फ्रॉड से बचाया जा सके।
किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, संदिग्ध कॉल्स और मैसेज से सावधान रहें, केवल ऑफिशियल ऐप्स और वेबसाइट्स का ही इस्तेमाल करें।
साइबर फ्रॉड से बचना हमारे हाथ में है। सरकार और तकनीक आपकी सुरक्षा के लिए साथ हैं। बस आपको भी स्मार्ट रहना है।