अमेरिकी बैंकिंग कंपनी सिटिग्रुप ने लगभग 1,000 टेक्नोलॉजी पदों को अपने भारत स्थित सपोर्ट सेंटरों में स्थानांतरित किया है।
यह कदम उस घोषणा के बाद आया है जिसमें सिटिग्रुप ने चीन के अपने टेक्नोलॉजी सेंटरों से लगभग 3,500 नौकरियों में कटौती करने की योजना बताई थी।
अमेरिका में H-1B वीज़ा के नए आवेदन पर $100,000 का शुल्क लगाने के बाद विशेषज्ञ मानते हैं कि वॉल स्ट्रीट बैंक भारतीय ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटरों पर अधिक निर्भर होंगे।
भारत में सिटिग्रुप पहले से ही लगभग 33,000 लोगों को रोजगार देता है, मुख्य रूप से बेंगलुरु, चेन्नई, पुणे और मुंबई के GCCs में।
सिटिग्रुप ने चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया, फिलिपींस और पोलैंड में अपने ग्लोबल टेक्नोलॉजी ऑपरेशंस को कम करने की योजना बनाई है।
भारत में वर्तमान में लगभग 1,760 GCCs हैं, और यह संख्या अगले साल 2,000 से अधिक होने की संभावना है, जिससे देश टेक्नोलॉजी और R&D में प्रमुख केंद्र बन रहा है।