भारत 28 सितंबर को जारी करेगा AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क, नागरिकों की सुरक्षा पर होगा जोर
भारत सरकार 28 सितंबर तक AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क जारी करने जा रही है। यह ढांचा नागरिकों को AI से होने वाले संभावित खतरों से बचाने के लिए सुरक्षा सीमाएं तय करेगा।
आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह फ्रेमवर्क “प्रेस्क्रिप्टिव” नहीं होगा, बल्कि संतुलित होगा। इसमें इनोवेशन और रेगुलेशन दोनों पर बराबर ध्यान दिया जाएगा।
भारत फरवरी 2026 में AI Impact Summit की मेजबानी करेगा। इस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष इसमें शामिल होंगे।
मंत्री ने बताया कि AI द्वारा बनाए गए डीपफेक और सिंथेटिक कंटेंट समाज के लिए बड़ी चुनौती बन रहे हैं। नया फ्रेमवर्क ऐसे खतरों को रोकने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर देगा।
AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क के लिए सरकार ने 3000 से ज्यादा परामर्श और चर्चाएं की हैं। इसका उद्देश्य यह तय करना है कि अगर किसी व्यक्ति को AI से नुकसान हो तो उससे कैसे निपटा जाए।
सरकार का मानना है कि समय के साथ जो पहलू जरूरी होंगे, उन्हें कानून का रूप दिया जाएगा। बाकी हिस्सों पर उद्योग और हितधारकों के साथ मिलकर काम जारी रहेगा।